'यमुना, काली और हिंडन नदियां 100 से अधिक गांवों में बन रही हैं कैंसर का कारण', राज्यसभा सांसद ने जताई चिंता

By रुस्तम राणा | Updated: August 5, 2023 15:11 IST2023-08-05T15:11:42+5:302023-08-05T15:11:42+5:30

बीजेपी सांसद विजय पाल सिंह तोमर ने संसद में कहा, 'जहां भी काली नदी से नमूने लिए गए, वहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य पाया गया, जिससे यह न केवल पीने के लिए बल्कि सिंचाई के लिए भी अनुपयुक्त है।' सांसद ने नदियों में अपशिष्ट पदार्थ छोड़ने के लिए चीनी और पेपर मिलों को दोषी ठहराया।

‘Yamuna, Kali and Hindon rivers causing cancer in over 100 villages’, says Rajya Sabha MP | 'यमुना, काली और हिंडन नदियां 100 से अधिक गांवों में बन रही हैं कैंसर का कारण', राज्यसभा सांसद ने जताई चिंता

'यमुना, काली और हिंडन नदियां 100 से अधिक गांवों में बन रही हैं कैंसर का कारण', राज्यसभा सांसद ने जताई चिंता

Highlightsराज्यसभा सांसद विजय पाल सिंह तोमर ने काली, यमुना और हिंडन नदियों में बढ़ती विषाक्तता को लेकर संसद में चिंता जताई कहा- इन जल निकायों के किनारे स्थित 100 से अधिक गांवों में नदियाँ "कैंसर का स्रोत" बन गई हैंसांसद ने नदियों में अपशिष्ट पदार्थ छोड़ने के लिए चीनी और पेपर मिलों को दोषी ठहराया

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद विजय पाल सिंह तोमर ने काली, यमुना और हिंडन नदियों में बढ़ती विषाक्तता को लेकर संसद में चिंता जताई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तोमर ने आरोप लगाया कि इन जल निकायों के किनारे स्थित 100 से अधिक गांवों में नदियाँ "कैंसर का स्रोत" बन गई हैं। बीजेपी सांसद ने संसद में कहा, 'जहां भी काली नदी से नमूने लिए गए, वहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य पाया गया, जिससे यह न केवल पीने के लिए बल्कि सिंचाई के लिए भी अनुपयुक्त है।' सांसद ने नदियों में अपशिष्ट पदार्थ छोड़ने के लिए चीनी और पेपर मिलों को दोषी ठहराया।

टीओआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि सैनी और चिलोरा गांव, जो इन नदियों के करीब हैं, के लोगों ने भी गंभीर स्थिति के बारे में बात की। रिपोर्ट में मीरुल जिला पंचायत गौरव चौधरी ने कहा कि प्रदूषित नदियों के कारण आसपास के गांवों में कैंसर से लगभग 100-150 लोगों की मौत हो गई है। 

चिलोरा गांव के एक निवासी ने कहा कि उसने अपनी 35 वर्षीय पत्नी और 56 और 60 वर्षीय दो चाचाओं को कैंसर के कारण खो दिया। ग्रामीणों ने बताया कि ट्यूबवेलों और हैंडपंपों का पानी अनुपचारित औद्योगिक कचरे और शहरी कचरे के कारण भी दूषित है। भाजपा के तोमर ने केंद्र से हस्तक्षेप करने और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

टीओआई की एक रिपोर्ट में यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि पानी के उपचार के लिए कुल 18 एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 180 एमएलडी (प्रति दिन मिलियन लीटर) है। अधिकारी ने कहा, हालांकि, एसटीपी पीने के पानी के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

2018 में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में 351 प्रदूषित नदी खंडों की पहचान की। सीपीसीबी के अनुसार, सबसे अधिक प्रदूषित नदी खंड महाराष्ट्र ( (53) में हैं, इसके बाद असम (44), मध्य प्रदेश (22), केरल (21), गुजरात (20), ओडिशा (19), पश्चिम बंगाल और कर्नाटक (17) है।

Web Title: ‘Yamuna, Kali and Hindon rivers causing cancer in over 100 villages’, says Rajya Sabha MP

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