World Water Day 2018: जल्द ही बेंगलुरु के हो सकते हैं केपटाउन जैसे हालात, बना दुनिया का दूसरा सबसे सूखा शहर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: March 22, 2018 10:31 IST2018-03-22T10:28:27+5:302018-03-22T10:31:26+5:30
World Water Day 2018 (विश्व जल दिवस 2018 | वर्ल्ड वाटर डे 2018): पानी की एक-एक बूंद कितनी अहम है इसका नजारा दक्षिण अफ्रीका के शहर कैपटाउन में देखने को मिल रहा है लेकिन अब इसी श्रेणी में भारत का भी एक शहर शामिल हो गया है।

World Water Day 2018| विश्व जल दिवस 2018| वर्ल्ड वाटर डे 2018
नई दिल्ली (22 मार्च): पानी की एक-एक बूंद कितनी अहम है इसका नजारा दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन में देखने को मिल रहा है लेकिन अब इसी श्रेणी में भारत का भी एक शहर शामिल हो गया है। बेंगलुरु भी केपटाउन की तरह सूखा शहर बन गया है। इस बात का खुलासा हाल ही में बीबीसी में प्रकाशित एक लेख में किया गया है। इसने पानी की कमी को झेलने वाले वाले 11 शहरों की लिस्ट जारी की है, जिसमें भारत का बेंगलुरु दूसरे नंबर पर है।
बाकी के शहरों की हालत
पेश की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक 2030 में आपूर्ति की अपेक्षा ताजे पानी की वैश्विक मांग में 40 फीसदी का इजाफा होगा। जिसका कारण बढ़ती जंनसख्या के साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन, मानवीय क्रियाएं हो सकती हैं। इस लिस्ट में ब्राजील का साओ पाउलो शहर भी शामिल है। 2015 केपटाउन की जिस तरह की पानी को लेकर परेशानियों का सामना कर रहा है वैसा ही कुछ हाल इस समय साओ पाउलो का है।
वहां, पानी का स्तर 4 फीसदी के करीब नीचे जा चुका है।लेकिन साल 2017 में पानी की ये किल्लत खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, यहां बूंद-बूंद पानी बेहद कीमती होती जा रही है। चीन की राजधानी बीजिंग इस श्रेणी में तीसरे नंबर पर है। कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार साल 2000 से 2009 के बीच चीन के जल भंडार में 13 फीसदी की कमी आई है।
बेंगलुरु की हालत
बेंगलुरु की बात की जाए तो यहां का बुनियादी ढांचा बढ़ती जनसंख्या और विशेषकर पानी और सीवेज सिस्टम के साथ मेल खाने में असमर्थ है। जिस कारण पानी बड़ी मात्रा में बर्बाद किया जा रहा है या फिर बचा हुआ पानी प्रदूषित है जो उपयोग के लिए बेकार है। इस स्टडी में पाया गया यहां हालात इतने खराब हैं कि झीलों के शहर में एक भी झील ऐसा नहीं है जिसके पानी का इंसान इस्तेमाल कर सके। अगर बेंगलुरु में हालात सही नहीं हुए तो यहां के लोग जल्द ही पानी के लिए तरसेंगे नहीं तो केपटाउन जैसे हालातों का सामने बेंगलुरुवासियों को सामना करना पड़ सकता है।