World Book Fair 2025: 20 लाख से अधिक लोग पहुंचे, हिन्दी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की मांग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 10, 2025 21:29 IST2025-02-10T21:28:41+5:302025-02-10T21:29:54+5:30

World Book Fair 2025: विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन समूह की नई किताबों में सबसे ज्यादा बिकीं नॉन फिक्शन किताबें 

World Book Fair 2025 More than 20 lakh people arrived demand serious ideological books in Hindi increased | World Book Fair 2025: 20 लाख से अधिक लोग पहुंचे, हिन्दी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की मांग

World Book Fair 2025

HighlightsWorld Book Fair 2025: विश्व पुस्तक मेले में आने वाले पुस्तकप्रेमियों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी: अशोक महेश्वरीWorld Book Fair 2025: इस वर्ष मेले में पुस्तकप्रेमियों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली।World Book Fair 2025: प्रकाशन समूह के स्टॉल जलसाघर में हर दिन बड़ी संख्या में पाठक पहुँचे।

नई दिल्लीः नयी दिल्लीविश्व पुस्तक मेला 2025 के आयोजकों और इस नौ दिवसीय वार्षिक साहित्यिक मेले में भाग लेने वाले लेखकों एवं पाठकों का मानना ​​है कि इसमें रिकॉर्ड संख्या में 20 लाख से अधिक लोग पहुंचे, जो पुस्तकों के प्रति भारत के बढ़ते प्रेम को दर्शाता है। पुस्तक प्रेमी एक से नौ फरवरी तक इस मेले के आयोजन स्थल भारत मंडपम में अपने पसंदीदा लेखकों की एक झलक पाने या अपनी पसंदीदा किताब की तलाश में उमड़ पड़े। नौ दिनों तक चले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला-2025 का रविवार को समापन हुआ। इस वर्ष मेले में पुस्तकप्रेमियों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली।

मेले के दौरान राजकमल प्रकाशन समूह के स्टॉल जलसाघर में हर दिन बड़ी संख्या में पाठक पहुँचे। मेले में हिन्दी की क्लासिक किताबों के साथ-साथ नई किताबों को भी पाठकों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। इस वर्ष मेले में आई नई किताबों में कथेतर (नॉन-फिक्शन) विधा की किताबों की बिक्री सर्वाधिक हुई है।

विश्व पुस्तक मेला में राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित विभिन्न विधाओं की 45 नई किताबों का लोकार्पण हुआ। इस दौरान अनेक चर्चित लेखकों ने जलसाघर में पुस्तक लोकार्पण, बुक साइनिंग सेशन और विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया। साथ ही, पाठकों के लिए विशेष रूप से आयोजित रचनापाठ की गतिविधियों में पाठकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। 

राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा, हर वर्ष की भाँति इस बार भी विश्व पुस्तक मेला में आने वाले पुस्तकप्रेमियों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी है। किताबों के प्रति पाठकों की बढ़ती रुचि हम सबके लिए उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा, इस वर्ष विश्व पुस्तक मेला के बिक्री के आँकड़ों को देखें तो हिन्दी में गंभीर वैचारिक किताबों की माँग बढ़ी है।

साथ ही, मेले में आनेवाले ऐेसे लोगों की संख्या भी बढ़ी है जो हिन्दी किताबें पढ़ना शुरु करना चाहते हैं। ख़ासकर युवा पाठकों की भागीदारी बढ़ रही है जो हम सभी के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हम हमेशा नए और बेहतरीन साहित्य को पाठकों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उत्कृष्ट साहित्य की जनसुलभ पुस्तकों को प्रकाशित करने के अपने संकल्प के साथ पाठकों के लिए उच्च गुणवत्ता की पुस्तकें लाने का प्रयास करेंगे। 

विश्व पुस्तक मेला-2025 में सबसे अधिक बिकने वाली राजकमल प्रकाशन समूह की नई किताबें :  
1. उम्मीदों के गीतकार : शैलेन्द्र - यूनुस ख़ान (सिनेमा-संगीत) 
2. असहमति की आवाज़ें - रोमिला थापर (इतिहास/राजनीति)  
3. सीपियाँ - जावेद अख़्तर (दोहे/विचार) 
4. चक्का जाम - गौतम चौबे (उपन्यास) 
5. धर्मान्तरण : आंबेडकर की धम्म यात्रा - सम्पादक रतनलाल (धर्म/संस्कृति/विचार) 
6. उत्तर भारत में चमार और दलित आन्दोलन का इतिहास - रामनारायण एस. रावत (इतिहास) 
7. प्रेम में पेड़ होना - जसिंता केरकेट्टा (कविता) 
8. भारतीय राष्ट्रवाद : एक अनिवार्य पाठ - सम्पादक एस. इरफ़ान हबीब (राजनीति/विचार) 
9. बोलना ही है - रवीश कुमार (राजनीति/समसामयिक) 
10. पूरब की बेटियाँ - शैलजा पाठक (डायरी) 
11. जाति व्यवस्था और पितृसत्ता - पेरियार ई. वी. रामासामी; सम्पादक प्रमोद रंजन (दलित विमर्श) 

विश्व पुस्तक मेला-2025 सबसे अधिक बिकने वाली राजकमल प्रकाशन समूह की क्लासिक किताबें :  
1. रश्मिरथी - रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (कविता) 
2. राग दरबारी - श्रीलाल शुक्ल (उपन्यास) 
3. चित्रलेखा - भगवतीचरण वर्मा (उपन्यास) 
4. आपका बंटी - मन्नू भंडारी (उपन्यास) 
5. मैला आँचल - फणीश्वरनाथ रेणु (उपन्यास) 
6. कसप - मनोहर श्याम जोशी (उपन्यास) 
7. काशी का अस्सी - काशीनाथ सिंह (उपन्यास) 
8. तमस - भीष्म साहनी (उपन्यास) 
9. जूठन (दो भाग) - ओमप्रकाश वाल्मीकि (आत्मकथा) 
10. शेखर : एक जीवनी (दो भाग) - अज्ञेय (उपन्यास)।

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