आज विश्व एड्स दिवस है। हर साल यह एक दिसंबर को पूरे विश्वभर में मनाया जाता है। जिसका लक्ष्य एचआईवी इन्फेक्शन के प्रसार के कारण होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। देश-विदेश में आज के दिन एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए बड़े-बड़े कैंपेन, सेमिनार और कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS), एक महामारी संबंधी बीमारी है जो ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) के संक्रमण के कारण होती है, जो इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। इस साल का थीम 'कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस'। साल 2018 में वर्ल्ड एड्स डे की थीम' अपनी स्थिति जानें' था।
एड्स दिवस का इतिहास (History of aids Day)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में स्थापित किया। सन 1988 में पहली बार विश्व एड्स दिवस मनाया गया था। वहीं देश में 1986 में पहला मामला सामने आने के बाद एचआईवी-एड्स कई दशकों एक बड़े खौफ का सबब रहा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को विश्व स्तर पर मनाने की शुरूआत WHO में एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त 1987 में की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, "2018 के अंत में एचआईवी के साथ रहने वाले 37.9 मिलियन लोग, 79 प्रतिशत ने परीक्षण प्राप्त किया, 62 प्रतिशत ने उपचार प्राप्त किया, और 53 प्रतिशत ने दूसरों को संक्रमित करने के कम जोखिम के साथ एचआईवी वायरस का दमन प्राप्त किया था।"
ट्विटर पर ट्रेंड
दुनिया के सबसे अमीर बिल गेट्स ने किया ट्वीट
दुनिया ने पिछले बीस वर्षों में एड्स महामारी को समाप्त करने की दिशा में अविश्वसनीय प्रगति की है, और मैं आशावादी हूं कि रास्ते में और प्रगति हो रही है।
एचआईवी के कारण (causes of hiv)
- एक संक्रमित व्यक्ति के साथ कंडोम पहने बिना गुदा या योनि संभोग करने से- सिरिंज और सुइयों को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करना जिसे पहले से ही एचआईवी एड्स है -- एक शल्य चिकित्सा उपकरण या एक सुई लगना, जो एचआईवी संक्रमित रक्त से दूषित है - संक्रमित योनि स्राव, वीर्य, एचआईवी संक्रमित रक्त में घावों और खुले घावों के संपर्क में आ रहा है - शिशु अपनी मां से एचआईवी एड्स विकसित कर सकते हैं जो स्तनपान या जन्म के दौरान पहले ही संक्रमित हो चुके हैं
एचआईवी और एड्स में अंतर (difference between aids and hiv)
एचआईवी क्या है? एचआईवी वायरस रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की टी कोशिकाओं पर हमला करता है जबकि एड्स, एचआईवी संक्रमण के बाद सिंड्रोम के रुप में प्रकट होता हैं।
एचआईवी होने का मतलब एड्स नहीं
यदि कोई व्यक्ति एचआईवी संक्रमित है तो यह जरूरी नहीं कि उसे एड्स हुआ हो। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति प्रोपर मेडिकेशन टर्म्स फॉलो कर सामान्य जीवन बिता सकते हैं। दरअसल एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को एड्स हो सकता है लेकिन हर एड्स से पीड़ित व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हों यह जरूरी नहीं हैं।
एचआईवी का इलाज (treatment for hiv/aids)
पिछले कई सालों में ट्रीटमेंट में काफी सुधार हुआ है। डॉक्टर मानते हैं कि एचआईवी से पीड़ित कोई मरीज अगर बेहतर ट्रीटमेंट और डाइट ले रहा है, तो वो लंबा जीवन जी सकता है। मरीज का इलाज कैसा चल रहा है। बेहतर जीवन के लिए डाइट, एक्सरसाइज का भी अहम रोल है। दूसरी अन्य गंभीर रोगों का शिकार एचआई के मरीज का इलाज मुश्किल होता है। एचआईवी के इलाज में मरीज की भावनात्मक देखभाल भी शामिल है।
एचआईवी के स्टेज (stages of hiv)
पहला स्टेज (Stages 1 of HIV Infection)एचआईवी वायरस का पहला लक्षण 2 से 6 हफ्तों के बीच में दिखाई देने लगता है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम बिगड़ने लगता है। इसमें वायरल फ्लू की ही तरह लक्षण जैसे सिर दर्द, डायरिया, उलटी, थकान, गले का सूखना, मसल्स में दर्द, सूजन, छाती पर लाल रैशेज और बुखार महसूस होते हैं।
दूसरा स्टेज (Stages 2 of HIV Infection)इसमें वायरल जैसे लक्षण नहीं दिखाई देते और ना ही उन्हें कोई बीमारी महसूस होती है। जब फ्लू जैसे लक्षण ना हो और शख्स को मालूम ना हो कि उसे एचआईवी वायरस ने घेरा हुआ है, तो ऐसी अवस्था में हर वक्त थकान, गले के आस-पास सूजन, 10 दिनों से ज्यादा बुखार, रात में पसीना आना होता है।
तीसरा स्टेज (Stages 3 of HIV Infection)एचआईवी वायरस के एडवांस और आखिरी स्टेज को एड्स कहते हैं। ये तब होता है जब आपके शरीर के CD4-T सेल्स के नम्बर 200 से भी कम हो जाते हैं। हेल्दी इम्यून सिस्टम वाले शख्स में CD4-T सेल्स की संख्या 500 से 1,600 के बीच में होती है।