देश के सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए जारी है 337 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम, रवि शंकर प्रसाद ने दी जानकारी

By भाषा | Published: August 11, 2020 05:14 AM2020-08-11T05:14:19+5:302020-08-11T05:14:19+5:30

दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि देश के सुदूर और सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए परियोजना पर काम जारी है।

Work is underway on a Rs 337 crore project to provide mobile services in 354 uncovered villages in remote and border areas of the country, says Ravi Shankar Prasad | देश के सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए जारी है 337 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम, रवि शंकर प्रसाद ने दी जानकारी

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए काम जारी है। (फाइल फोटो)

Highlightsदेश के सुदूर और सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने पर काम हो रहा है।इसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख एवं अन्य क्षेत्रों के कई गांव शामिल हैं।

नई दिल्ली। देश के सुदूर और सीमावर्ती 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए 337 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम जारी है। इसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख एवं अन्य क्षेत्रों के कई गांव शामिल हैं। दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को यह बात कही। प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि बिना नेटवर्क वाले गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए 337 करोड़ रुपये की एक परियोजना पर काम चल रहा है। इसमें जम्मू-कश्मीर के 87 गांव शामिल है। परियोजना पूरी हो जाने पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में एक भी ऐसा गांव नहीं बचेगा जहां मोबाइल कनेक्टिविटी ना हो।

दूरसंचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परियोजना में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में स्थित 144 गांव शामिल हैं। बाकी गांव बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्य में हैं। प्रसाद ने कहा कि सरकार वीसैट (वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल) भी लगा रही है ताकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जवानों को सैटेलाइट फोन सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकें। इससे वह अपने परिवारों से संपर्क कर सकेंगे। इसके अलावा सेना, सीमा सड़क संगठन, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के 1,347 स्थलों पर ‘डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल’ (डीएसपीटी) भी लगाए जा रहे हैं। इनमें से 183 स्थानों पर इसने अपनी सैटेलाइट फोन सेवा शुरू कर दी हैं।

प्रसाद ने कहा कि दूरसंचार विभाग बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 24 आकांक्षी जिलों में गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने पर भी काम कर रहा है। छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और आंधप्रदेश के 44 आकांक्षी जिलों में मोबाइल कनेक्टिविटी से दूर कुल 7,287 गांवों को भी इस योजना के तहत नेटवर्क सेवाएं पहुंचायी जाएंगी।

दूरसंचार मंत्रालय द्वारा फरवरी में संसद को सौंपी गयी रपट में कहा गया था कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 27,721 गांव मोबाइल नेटवर्क के दायरे से बाहर हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को शुरू की गयी चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ऑप्टिकल फाइबर लिंक सेवा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अधिक स्टार्टअप की स्थापना और नवोन्मेष में मदद करेगी।

प्रसाद ने कहा, ‘‘पहले हम उपग्रह के माध्यम से 4 गीगाबिट प्रति सेंकेंड की इंटरनेट उपयोग स्पीड वहां भेज रहे थे। अब चेन्नई और पोर्टब्लेयर के बीच यह लिंक शुरू होने से स्पीड बढ़कर 400 गीगाबिट प्रति सेकेंड हो जाएगी। जबकि अन्य द्वीपों के लिए यह स्पीड 200 गीगाबिट प्रति सेकेंड होगी।’’

Web Title: Work is underway on a Rs 337 crore project to provide mobile services in 354 uncovered villages in remote and border areas of the country, says Ravi Shankar Prasad

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