व्योमेश चंद्र बनर्जी, कांग्रेस के पहले अध्यक्ष जो अंग्रेजी शासन को मानते थे देश के लिए बेहतर!
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 21, 2018 07:16 AM2018-07-21T07:16:37+5:302018-07-21T07:16:37+5:30
उन्होंने दादाभाई नौरोजी और बदरुद्दीन तैय्यबजी के साथ मिलकर इंग्लैंड में एक संसदीय कमेटी का भी गठन किया था।
भारत की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी और इसके प्रथम अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गए व्योमेश चंद्र बनर्जी। लंबी दाड़ी वाले एक ऐसे नेता जिन पर अंग्रेजियत हावी थी। जिनके बारे में कहा जाता है कि वो अंग्रेजी शासन को देश के लिए बेहतर मानते हैं। अपने जीवन के आखिरी दिनों में जो लंदन जाकर बस गए। आज व्योमेश चंद्र बनर्जी की पुण्यतिथि है। जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
- व्योमेश चंद्र बनर्जी का जन्म- 29 दिसंबर, 1844 को कोलकाता में हुआ था।
- वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष और कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील थे।
- ये भारत में अंग्रेज़ी शासन से प्रभावित थे और उसे देश के लिये अच्छा मानते थे।
- व्योमेश बनर्जी अंग्रेज़ी चाल-ढाल के इतने कट्टर अनुयायी थे कि इन्होंने स्वयं अपने पारिवारिक नाम 'बनर्जी' का अंग्रेज़ीकरण करके उसे 'बोनर्जी' कर दिया।
- इन्होंने अपने पुत्र का नाम भी 'शेली' रखा, जो कि अंग्रेज़ों में अधिक प्रचलित था।
- देश में चले राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती दौर के अहम किरदारों में से एक थे।
- उन्होंने ब्रिटिश संसद में भी दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।
- उन्होंने दादाभाई नौरोजी और बदरुद्दीन तैय्यबजी के साथ मिलकर इंग्लैंड में एक संसदीय कमेटी का भी गठन किया था।
- व्योमेश चंद्र बनर्जी की मृत्यु 21 जुलाई 1906 को इंग्लैंड में हुई थी।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!