अफगानिस्तान में ताकत के बल पर थोपी गई सरकार को मान्यता नहीं देंगे : भारत एवं अन्य देशों ने कहा

By भाषा | Updated: August 13, 2021 22:12 IST2021-08-13T22:12:11+5:302021-08-13T22:12:11+5:30

Will not recognize government imposed on force in Afghanistan: India and other countries said | अफगानिस्तान में ताकत के बल पर थोपी गई सरकार को मान्यता नहीं देंगे : भारत एवं अन्य देशों ने कहा

अफगानिस्तान में ताकत के बल पर थोपी गई सरकार को मान्यता नहीं देंगे : भारत एवं अन्य देशों ने कहा

नयी दिल्ली, 13 अगस्त भारत, जर्मनी, कतर, तुर्की और कई अन्य देशों ने पुष्टि की है कि वे अफगानिस्तान में ऐसी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देंगे जिसे सैन्य बल के माध्यम से थोपा जाता है। इन देशों ने युद्धग्रस्त देश में हिंसा एवं हमलों को तुरंत समाप्त करने की अपील की।

दोहा में अफगानिस्तान को लेकर दो अलग-अलग बैठक के बाद कतर द्वारा शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार बैठक में हिस्सा लेने वाले देश इस बात से सहमत थे कि अफगान शांति प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है क्योंकि यह ‘‘काफी जरूरी’’ मामला है।

यह बयान तब आया है जब तालिबान ने पिछले कुछ दिनों में कंधार और हेरात सहित कई मुख्य शहरों पर कब्जा कर लिया है और देश में वह बड़े हिस्से पर कब्जा करता जा रहा है।

इसने कहा कि हिस्सा लेने वाले देशों ने तालिबान और अफगान सरकार से अपील की कि विश्वास बनाएं और राजनीतिक समाधान तक पहुंचने का प्रयास करें और जल्द से जल्द संघर्षविराम हो।

कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पहली बैठक में चीन, उज्बेकिस्तान, अमेरिका, पाकिस्तान, ब्रिटेन, कतर, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने हिस्सा लिया।

इसने कहा कि 12 अगस्त को हुई दूसरी बैठक में जर्मनी, भारत, नॉर्वे, कतर, तजाकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

कतर की तरफ से आयोजित दूसरी बैठक में विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान शाखा के संयुक्त सचिव जे. पी. सिंह ने हिस्सा लिया।

कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हिंसा, काफी संख्या में नागरिकों के मारे जाने और न्यायेत्तर हत्याओं, व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों, प्रांतीय राजधानियों एवं शहरों पर हो रहे हमलों को लेकर बैठक में शामिल प्रतिभागियों ने गंभीर चिंता जताई।’’

इसने कहा कि देशों ने पुष्टि की कि वे सैन्य ताकत से अफगानिस्तान में थोपी गई सरकार को मान्यता नहीं देंगे।

बयान में बताया गया, ‘‘भाग लेने वाले देशों ने स्वीकार्य राजनीतिक समाधान पर पहुंचने के बाद अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।

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