चेन्नई: दक्षिण भारत के तमिलनाडु में गुटखा, पान मसाला खाने वालों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने एक बार फिर राज्य में तम्बाकू उत्पाद पर लगे बैन को बढ़ाने का फैसला कर लिया है।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, तमिलनाडु के आयुक्त ने कहा कि यह आदेश 23 मई से लागू होगा।
इसके तहत तमिलनाडु में गुटखा और पान मसाला जैसे चबाने योग्य खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, परिवहन, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है, जिसमें तंबाकू और सामग्री के रूप में निकोटीन का उपयोग किया गया है।
गौरतलब है कि इस प्रतिबंध का फैसला पहली बार खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत वर्ष 2006 में लागू किया गया था।
इसी साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 अप्रैल को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के लगभग एक महीने बाद ये फैसला आया है। जिसने तमिलनाडु में गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था।
तमिलनाडु सरकार ने गुटखा और अन्य तंबाकू-आधारित उत्पादों की बिक्री, निर्माण और परिवहन पर रोक लगाने वाली मई 2018 की अधिसूचना को रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री, भंडारण, निर्माण आदि पर प्रतिबंध लगाने वाले खाद्य सुरक्षा आयुक्त के आदेश खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और प्रतिबंध) विनियम के विनियम 2.3.4 द्वारा समर्थित हैं।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने 23 मई 2018 को खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी एक अधिसूचना को रद्द कर दिया था, जिसमें गुटखा, पान मसाला और अन्य चबाने योग्य खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, परिवहन, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि खाद्य सुरक्षा आयुक्त को साल दर साल लगातार अधिसूचना जारी करके तंबाकू उत्पादों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की अनुमति देना कानून में प्रदान नहीं की गई शक्ति प्रदान करने के समान होगा।