न्यायाधीशों की मौखिक टिप्पणियों से जुड़ी रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की गुहार नहीं लगाएंगे: ईसी
By भाषा | Published: May 5, 2021 06:46 PM2021-05-05T18:46:05+5:302021-05-05T18:46:05+5:30
नयी दिल्ली, पांच मई निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि इसको लेकर सर्वसम्मति थी कि न्यायाधीशों द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय से कोई गुहार नहीं लगानी चाहिए।
आयोग ने उस खबर को लेकर यह टिप्पणी की है जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग की तरफ से ही मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई कि न्यायाधीशों द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों की रिर्पोटिंग से मीडिया को रोका जाए तथा उच्चतम न्यायालय में आयोग ने एक विशेष अनुमति याचिका भी दायर की।
यह पूरा मामला मद्रास उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी से जुड़ा है जिसमें उसने विधानसभा चुनाव के लिए जनसभाओं की अनुमति देने के संदर्भ में चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आयोग के लोगों पर ‘हत्या का मामला’ चलना चाहिए।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से की गई मौखिक टिप्पणियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
उन्होंने कहा कि इन मौखिक टिप्पणियों के आधार पर लोग चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
इस अधिकारी ने इसका उल्लेख किया कि मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पश्चिम बंगाल में एक मामला भी दर्ज करा दिया गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्टिंग से मीडिया को रोकने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख करने को लेकर आयोग में सर्वसम्मति थी तो एक अन्य अधिकारी ने एक बयान के उस हिस्से का हवाला दिया जिसमें कहा गया था, ‘‘किसी भी फैसले से पहले आयोग में उचित विचार-विमर्श होता है।’’
इससे संकेत मिलता है कि इस मुद्दे को लेकर आयोग में मतभिन्नता थी।
आयोग ने एक बयान में कहा कि इसको लेकर सर्वसम्मति थी कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने को लेकर कोई गुहार नहीं लगाई जाएगी।
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