महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस के साथ सरकार गठन पर ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं शरद पवार! जानें NCP की रणनीति

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 19, 2019 08:10 AM2019-11-19T08:10:18+5:302019-11-19T08:10:18+5:30

कांग्रेस का फैसला हो चुका है कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दिया जाए, लेकिन यही बात मीडिया को साफ-साफ तौर पर नहीं बताना है!

Why is Sharad Pawar making such statements on formation of government with Shiv Sena-Congress in Maharashtra! | महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस के साथ सरकार गठन पर ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं शरद पवार! जानें NCP की रणनीति

फाइल फोटो

Highlightsराकांपा के एक नेता ने बताया कि सारी चीजें योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जा रही हैं. बस दिखाई नहीं जा रही हैं. पवार कह रहे हैं कि सरकार बनाने के बारे में कोई बात नहीं हुई.

प्रमोद गवली 

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में 50 मिनट तक हुई बातचीत के बाद पवार ने पत्रकारों से जो बातें कही हैं, उससे कई सवाल उठने लगे हैं. पवार कह रहे हैं कि सरकार बनाने के बारे में कोई बात नहीं हुई. अभी कुछ तय नहीं हुआ है, तो सरकार के बारे में क्या बताया जाए?

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के बारे में भाजपा-शिवसेना से जाकर पूछें. ऐसा कुछ सुनने के बाद यही सवाल उठता है कि मुंबई में अलग-अलग दिन कांग्रेस-राकांपा और कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना की बैठकें किस बात के लिए हो रही थीं? इस तरह के सवाल उठने लाजिमी हैं. लेकिन पवार के लिए जो बातें कही जाती हैं, उन्हीं बातों को आज भी लागू किया जा सकता है.

पवार यह बात अच्छी तरह जान चुके हैं कि मीडिया का एक तबका अपने एजेंडे के तहत प्रस्तावित शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सरकार बनने में जितनी बाधाएं पैदा की जा सकती हैं, उतनी पैदा करने में जुटा हुआ है. पवार को यह बात समझ में आते ही उन्होंने 13 नवंबर को एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को मीडिया को बिना बताए बैठक के लिए रवाना करा दिया था.

इधर, चैनल वाले अजित पवार की नाराजगी की खबर चला रहे थे और उधर कांग्रेस और एनसीपी की समन्वय बैठक शुरू हो चुकी थी. इसी सिलसिले में पिछले चार दिनों से पवार अलग-अलग बयान दे रहे हैं, जिससे मीडिया भ्रम में बना रहे और इस बीच सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त हो जाए! राकांपा के एक नेता ने बताया कि सारी चीजें योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जा रही हैं. बस दिखाई नहीं जा रही हैं.

गत 14 नवंबर को कांग्रेस-राकांपा और शिवसेना के नेताओं के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हुई थी. खबरें भी जारी हो गईं कि तीनों दलों में इस पर सहमति बन गई है. तब यह बताया गया था कि तीनों दलों के वरिष्ठ नेता या पार्टी प्रमुख न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर अंतिम मुहर लगाएंगे. क्या सचमुच अब तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ है?

सूत्र की बात मानें तो सब कुछ तय हो रहा है, लेकिन रणनीति के तहत अलग बताया जा रहा है. सोनिया गांधी से चर्चा के बाद पवार ने जो बात कही है, उससे तो यही लगता है कि कांग्रेस ने अब तक शिवसेना को समर्थन देने का अंतिम निर्णय नहीं किया है. जबकि दो दिन पहले राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि कांग्रेस की ओर से यह फैसला नहीं हो पा रहा है कि प्रस्तावित सरकार में शामिल होना है या फिर बाहर से समर्थन देना है.

मलिक के मुताबिक कांग्रेस का फैसला हो चुका है कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दिया जाए, लेकिन यही बात मीडिया को साफ-साफ तौर पर नहीं बताना है!

Web Title: Why is Sharad Pawar making such statements on formation of government with Shiv Sena-Congress in Maharashtra!

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