हम समाचार और यूट्यूब इंटरव्यू नहीं देखते, केवल पिछले हफ्ते ही मैं कुछ फिल्में देख पाया?, आखिर क्यों प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 21, 2025 18:14 IST2025-07-21T18:13:18+5:302025-07-21T18:14:27+5:30
ईडी द्वारा वरिष्ठ वकीलों अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को उनके संबंधित मुवक्किलों को कानूनी सलाह देने के लिए तलब किया गया था।

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नई दिल्लीः केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय को ‘आख्यानों’ से प्रभावित नहीं होने की अपील करने वाली एक टिप्पणी पर प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्ति की। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम समाचार नहीं देखते, ना ही यूट्यूब पर साक्षात्कार देखते हैं।’’ प्रधान न्यायाधीश गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ स्वत: संज्ञान लेकर एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें ईडी द्वारा वरिष्ठ वकीलों अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को उनके संबंधित मुवक्किलों को कानूनी सलाह देने के लिए तलब किया गया था।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिंताओं को साझा किया और कहा कि इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाया गया है और जांच एजेंसी को कहा गया है कि वह वकीलों को कानूनी सलाह देने के लिए नोटिस जारी नहीं करे। हालांकि, मेहता ने झूठे आख्यान गढ़कर संस्थानों को बदनाम करने के प्रयासों की ओर इशारा किया।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘‘जहां तक सामान्य टिप्पणियों का सवाल है, कभी-कभी व्यक्तिगत मामलों के आधार पर गलत व्याख्या की जाती है। मैं यह कह रहा हूं, ईडी नहीं, यहां एक संस्था के खिलाफ आख्यान गढ़ने का ठोस प्रयास किया गया है। पीठ को कुछ मामलों में अतिक्रमण का पता चल सकता है...।’’
इस प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम कई मामलों में यह (ईडी द्वारा अतिक्रमण) पा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि हम यह नहीं पा रहे हैं।’’ प्रधान न्यायाधीश गवई, जो एक हफ्ते पहले अस्वस्थ थे, ने कहा, ‘‘हम समाचार नहीं देखते, यूट्यूब इंटरव्यू नहीं देखे। केवल पिछले हफ्ते ही मैं कुछ फिल्में देख पाया।’’