आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों को लेकर बवाल, TDP सांसद गिरफ्तार, जानें क्या है ये पूरा विवाद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 21, 2020 13:28 IST2020-01-21T13:28:42+5:302020-01-21T13:28:42+5:30

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया। इसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है।

why Andhra Pradesh need 3 capital TDP-Jagan govt face off Amaravati row MP Galla arrested | आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों को लेकर बवाल, TDP सांसद गिरफ्तार, जानें क्या है ये पूरा विवाद

जगन मोहन रेड्डी (फाइल फोटो)

Highlightsपुलिस ने बताया कि गुंटूर से सांसद जयदेव गल्ला के खिलाफ विभिन्न गैर जमानती धाराओं के तहत सोमवार देर रात मामला दर्ज किया और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अमरावती क्षेत्र में निषोधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों किसानों और महिलाओं ने इस विधेयक का विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस अवरोधकों को तोड़कर विधानसभा परिसर पहुंचने की कोशिश की। तीन राजधानी वाली अवधारणा के पीछे आंध्र प्रदेश सरकार का तर्क है कि वह प्रदेश के तीनों क्षेत्रों - उत्तरी तट, दक्षिणी तट और रायलसीमा का समान विकास चाहती है।

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया। इसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है। इसके बाद राज्य में लगातार विवाद मचा हुआ है। तेलुगू देशम पार्टी के एक सांसद को मंगलवार (21 जनवरी) तड़के किसान प्रदर्शन के एक मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि गुंटूर से सांसद जयदेव गल्ला के खिलाफ विभिन्न गैर जमानती धाराओं के तहत सोमवार देर रात मामला दर्ज किया और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 

क्यों किया गया गुंटूर से सांसद जयदेव गल्ला को गिरफ्तार

सांसद को देर रात करीब तीन बजे मंगलगिरि मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जमानत ना मिलने पर सुबह करीब साढ़े चार बजे उन्हें गुंटूर उप जेल ले जाया गया। आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ को विधानसभा में पेश किए जाने के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया गया था। हंगामे के बीच बाद में यह विधेयक पारित भी हो गया। अमरावती को ही राज्य की राजधानी बनाए रखने की मांग करते हुए निषोधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों किसानों और महिलाओं ने सोमवार को पुलिस अवरोधकों को तोड़कर विधानसभा परिसर पहुंचने की कोशिश की थी। गुंटूर ग्रामीण के एसपी सी. विजया राव के अनुसार इनमें से कुछ ने पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया था, जिसमें कम से कम छह कॉन्स्टेबल घायल हो गए। पुलिस कर्मियों पर हमला करने वाले कुछ लोग कथित तौर पर सांसद के समर्थक थे। 

जानें 3 राजधानियों को लेकर मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने क्या कहा? 

मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करके उनकी सरकार ‘ऐतिहासिक भूलों और गलतियों को सुधार’ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम राजधानी को बदल नहीं रहे हैं। हम सिर्फ दो और नई राजधानी जोड़ रहे हैं। अमरावती पहले जैसी ही रहेगी। हम किसी भी क्षेत्र के साथ अन्याय नहीं करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं लोगों को सिर्फ ग्राफिक्स दिखा करके बेवकूफ नहीं बना सकता हूं।’’ उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के अमरावती को स्व-वित्तपोषित परियोजना होने के दावे को भी खारिज कर दिया। इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि वह ‘हाथ जोड़कर’ अपील करते हैं कि राजधानी को अमरावती से विशाखापत्तनम न ले जाया जाए। 

तीन राजधानी वाली अवधारणा के पीछे आंध्र प्रदेश सरकार का तर्क है कि वह प्रदेश के तीनों क्षेत्रों - उत्तरी तट, दक्षिणी तट और रायलसीमा का समान विकास चाहती है।

अमरावती क्षेत्र में निषोधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों किसानों और महिलाओं ने इस विधेयक का विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस अवरोधकों को तोड़कर विधानसभा परिसर पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। वहीं विधानसभा परिसर के पीछे नायडू ने तेदेपा विधायकों के नेतृत्व में विधानसभा के मुख्य द्वार से कुछ मीटर की दूरी पर मार्च निकाला। 

कहां फंस रहा है पेंच 

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक, 2020’ विधानसभा में पारित हो गया। इसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है। इस विधेयक को अब विधान परिषद में पारित किया जाएगा लेकिन यहां सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस बहुमत में नहीं है। 58 सदस्यों वाले उच्च सदन में उसके पास सिर्फ नौ सदस्य हैं। विधानसभा में दिन की कार्रवाई के दौरान हंगामा करने पर तेलुगु देशम पार्टी के 17 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।

नोट- पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ

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