कौन हैं दीपक सक्सेना?, बनाए गए जनसम्पर्क आयुक्त
By नईम क़ुरैशी | Updated: September 9, 2025 11:51 IST2025-09-09T11:50:48+5:302025-09-09T11:51:49+5:30
निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर किताबों, यूनिफॉर्म, और अन्य शिक्षण सामग्री के लिए मनमानी राशि वसूलने के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाया और 18 स्कूलों के 51 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

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जबलपुरः मध्य प्रदेश सरकार ने कई बदलाव किए हैं। कई अधिकारी का तबादला हुआ है। 2010 बैच के आईएएस अधिकारी जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का तबादला हो गया है। उन्हें जनसम्पर्क भोपाल के आयुक्त के साथ माध्यम का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। उन्होंने जबलपुर कलेक्टर के रूप में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की। सक्सेना ने निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर किताबों, यूनिफॉर्म, और अन्य शिक्षण सामग्री के लिए मनमानी राशि वसूलने के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाया और 18 स्कूलों के 51 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
जिनमें स्कूलों के चेयरमैन, प्राचार्य, और अन्य शामिल थे। इस कार्रवाई के तहत अभिभावकों को 81.30 करोड़ रुपये की फीस वापस कराई गई और 22 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह कदम स्कूलों की मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने धान उपार्जन में सुधार करते हुए प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर सख्ती दिखाई और 7 अधिकारियों को निलंबित कर 35 वेयरहाउस को ब्लैक लिस्ट किया।
उनकी प्राथमिकता थी कि वास्तविक किसानों की पहचान हो और उनकी उपज की गुणवत्ता की जाँच समय पर हो, जिससे धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी। श्री दीपक सक्सेना ने जबलपुर में प्रशासनिक पारदर्शिता, जनहित, और नीतिगत कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राजस्व रिकार्ड का संरक्षण कर प्रदेश में नज़ीर बनाने का श्रेय भी उन्हें जाता है। वे राज्य निर्वाचन के अलावा विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। निष्पक्ष और ईमानदार छवि के साथ प्रशासनिक दक्षता रखने वाले श्री सक्सेना शाजापुर के एसडीएम भी रहे हैं।