कौन हैं बानू मुश्ताक?, मैसुरु दशहरा में आमंत्रित करने पर उच्चतम न्यायालय में याचिका, आखिर कर्नाटक में क्यों हो रहा बवाल?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2025 18:17 IST2025-09-18T18:16:26+5:302025-09-18T18:17:21+5:30

मैसुरु में दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होकर दो अक्टूबर को विजयादशमी पर समाप्त होगा। पारंपरिक रूप से, चामुंडेश्वरी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसुरू और उसके राजघराने की आराध्य देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्पवर्षा करके दशहरा उत्सव की शुरुआत की जाती है।

Who is Banu Mushtaq Booker Prize-winning author inaugurate Mysuru Dasara Petition Supreme Court why chaos in Karnataka | कौन हैं बानू मुश्ताक?, मैसुरु दशहरा में आमंत्रित करने पर उच्चतम न्यायालय में याचिका, आखिर कर्नाटक में क्यों हो रहा बवाल?

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Highlightsकृपया मामले को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “ठीक है।”याचिकाओं को 15 सितंबर को खारिज कर दिया था।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सहमति जताई जिसमें इस वर्ष मैसुरु दशहरा के उद्घाटन के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने के कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया गया कि यह उत्सव 22 सितंबर से शुरू हो रहा है, इसलिए मामले की तत्काल सुनवाई आवश्यक है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी, “कर्नाटक के मैसुरु मंदिर में 22 सितंबर को एक गैर-हिंदू को अग्रेश्वरी पूजा करने की अनुमति दी गई है। कृपया मामले को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।” इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “ठीक है।”

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मैसुरु दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए मुश्ताक को आमंत्रित करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 15 सितंबर को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने मैसुरु से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा दायर एक याचिका सहित चार जनहित याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया।

कहा कि याचिकाकर्ता किसी भी संवैधानिक या कानूनी उल्लंघन को साबित करने में विफल रहे। इसके खिलाफ एचएस गौरव ने शीर्ष अदालत में अपील दायर कर उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें 22 सितंबर 2025 को होने वाले दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए एक मुस्लिम महिला गणमान्य बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा गया था।

इस याचिका में उच्च न्यायालय के तर्क को चुनौती देते हुए कहा गया कि चामुंडेश्वरी मंदिर में चामुंडी पहाड़ी पर होने वाले दशहरा के अनुष्ठान के रीति-रिवाज प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है। इस परंपरा के तहत देवी चामुंडेश्वरी के गर्भगृह के समक्ष दीप प्रज्वलित किया जाता है, हल्दी व कुमकुम लगाया जाता है।

फल और फूल चढ़ाए जाते हैं। याचिका के अनुसार, ये हिंदू पूजा के कार्य हैं जो आगमिक परंपराओं द्वारा निर्धारित होते हैं, और इन्हें कोई गैर-हिंदू नहीं कर सकता। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पूजा हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार की जानी चाहिए और यह पूजा दशहरा उत्सव के पारंपरिक दस दिवसीय समारोह का उद्घाटन है।

न्यायालय ने कहा, “उच्च न्यायालय ने यह समझने में गलती की कि कर्नाटक सरकार द्वारा आमंत्रित मुख्य अतिथि बानू मुश्ताक मुस्लिम समुदाय से हैं, इसलिए वह गैर-हिंदू हैं। ऐसे में वह देवता के सामने पूजा-पाठ नहीं कर सकतीं, क्योंकि यह स्थापित हिंदू धार्मिक और समारोह से जुड़ी प्रथाओं के खिलाफ है।”

उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा था, “हम यह मानने को तैयार नहीं हैं कि यदि किसी अन्य धर्म का व्यक्ति राज्य द्वारा आयोजित किसी समारोह का उद्घाटन करे, तो इससे याचिकाकर्ताओं के किसी कानूनी या संवैधानिक अधिकार अथवा संविधान में निहित किसी भी मूल्य का उल्लंघन होगा। अतः याचिकाएं खारिज की जाती हैं।”

मैसुरु जिला प्रशासन ने तीन सितंबर को, विपक्षी भाजपा सहित कुछ वर्गों की आपत्तियों के बावजूद, मुश्ताक को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था। यह विवाद बानू मुश्ताक द्वारा अतीत में दिए गए कुछ बयानों को लेकर खड़ा हुआ है, जिन्हें कुछ लोग ‘हिंदू विरोधी’ और ‘कन्नड़ विरोधी’ मानते हैं।

प्रताप सिम्हा और अन्य आलोचकों का तर्क है कि यह उत्सव परंपरागत रूप से वैदिक अनुष्ठानों और देवी चामुंडेश्वरी को पुष्पांजलि अर्पित करके शुरू होता है, ऐसे में मुश्ताक का चयन, धार्मिक भावनाओं और लंबे समय से चली आ रही परंपराओं का अनादर है।

मैसुरु में दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होकर दो अक्टूबर को विजयादशमी पर समाप्त होगा। पारंपरिक रूप से, चामुंडेश्वरी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसुरू और उसके राजघराने की आराध्य देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्पवर्षा करके दशहरा उत्सव की शुरुआत की जाती है।

Web Title: Who is Banu Mushtaq Booker Prize-winning author inaugurate Mysuru Dasara Petition Supreme Court why chaos in Karnataka

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