कौन हैं अमित खरे?, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव नियुक्त
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 15, 2025 09:08 IST2025-09-15T09:06:08+5:302025-09-15T09:08:21+5:30
एसीसी ने केरल कैडर के 2014 बैच के आईएएस अधिकारी चंद्रशेखर एस को उपराष्ट्रपति के निजी सचिव के रूप में नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी।

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नई दिल्लीः सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे को केंद्र सरकार ने फिर से बड़ी जिम्मेदारी दी है। खरे वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार हैं। उपराष्ट्रपति (वीपी) सीपी राधाकृष्णन का सचिव नियुक्त किया गया। एक सरकारी आदेश के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने झारखंड कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी खरे की तीन साल के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। राधाकृष्णन ने 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 9 सितंबर को विपक्षी उम्मीदवार सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी से 152 वोट अधिक मिले थे।
एसीसी ने रविवार को केरल कैडर के 2014 बैच के आईएएस अधिकारी चंद्रशेखर एस को उपराष्ट्रपति के निजी सचिव के रूप में नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी। सरकार ने रविवार को पूर्व नौकरशाह अमित खरे को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का सचिव नियुक्त किया। खरे 12 अक्टूबर, 2021 से प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों का जिम्मा संभाल रहे थे। वह ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020’ तैयार करने और लागू करने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। खरे की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, ‘‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने झारखंड कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (सेवानिवृत्त) अमित खरे को भारत के उपराष्ट्रपति का सचिव नियुक्त करने की मंजूरी दी है।’’
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, खरे की नियुक्ति संविदा आधार पर सचिव रैंक में और समानुरूप वेतनमान के तहत तीन वर्षों की अवधि के लिए होगी। खरे ने अपने लंबे प्रशासनिक कार्यकाल के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों में कई अहम पदों पर सेवाएं दी हैं। उन्होंने 31 मई, 2018 को भारत सरकार में सूचना एवं प्रसारण सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
बाद में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव तथा उच्च शिक्षा सचिव के रूप में भी सेवाएं दी। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नानकोत्तर डिग्री धारक खरे बिहार के ‘चारा घोटाले’ को उजागर करने में अपनी अहम भूमिका के लिए भी व्यापक रूप से जाने जाते हैं।