जमानत रद्द करते समय अपराध की गंभीरता, आरोपी के आचरण पर विचार किया जाए:न्यायालय

By भाषा | Updated: October 4, 2021 22:09 IST2021-10-04T22:09:03+5:302021-10-04T22:09:03+5:30

While canceling bail, seriousness of offence, conduct of accused should be considered: Court | जमानत रद्द करते समय अपराध की गंभीरता, आरोपी के आचरण पर विचार किया जाए:न्यायालय

जमानत रद्द करते समय अपराध की गंभीरता, आरोपी के आचरण पर विचार किया जाए:न्यायालय

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि किसी आरोपी को दी गई जमानत में हस्तक्षेप करने के लिए अपराध की गंभीरता, आरोपी का आचरण और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह जरूरी है कि जमानत रद्द करने के लिए ठोस और अपरिहार्य वजह उपलब्ध हो।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने एक महिला की अग्रिम जमानत रद्द करते हुए यह टिप्पणी की और उसे दहेज हत्या के एक मामले में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिना कोहली भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जमानत प्रदान करने की कार्यवाही की तुलना में जमानत रद्द करने को अलग तरीके से निपटना होगा।

शीर्ष न्यायालय, विपिन कुमार धीर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके जरिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दहेज हत्या के एक मामले में मृतका की सास को अग्रिम जमानत दिये जाने को चुनौती दी गई थी।

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Web Title: While canceling bail, seriousness of offence, conduct of accused should be considered: Court

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