जब बांग्लादेश घुसपैठियों को मुसीबत बताकर लोक सभा में रो पड़ी थीं ममता बनर्जी

By भाषा | Published: August 2, 2018 07:47 PM2018-08-02T19:47:51+5:302018-08-02T19:47:51+5:30

असम का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में करीब 40 लाख लोगों के नाम गायब बताए जा रहे हैं। लिस्ट में कुछ विधायकों और पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे का भी नाम नहीं है।

when Mamata Banerjee cried in lok sabha on assam bangladesh migrant | जब बांग्लादेश घुसपैठियों को मुसीबत बताकर लोक सभा में रो पड़ी थीं ममता बनर्जी

Mamata Banerjee

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की फिलहाल सबसे बड़ी आलोचक के रूप में सामने आयी हैं। असम के करीब 40 लाख लोगों का नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) के दूसरे ड्राफ्ट में नहीं है। असम की सरबानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार इसे बांग्लादेशी घुसपैठिए पर सबसे बड़ी कारवाई बता रही है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में कई अहम लोगों का नाम भी गायब है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी के विधायक का भी इसमें नहीं नहीं। पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे का नाम भी इस लिस्ट में कथित तौर पर बाहर है। सीएम ममता न केवल इस मामले पर मुखर हैं बल्कि वो विभिन्न दलों के नेताओं से भी इस मुद्दे पर बात कर रही हैं। लेकिन क्या आपको पता है 13 साल पहले ममता बनर्जी इसी मुद्दे पर ठीक विपरीत खेमे में खड़ी थी।

13 साल पहले ममता बनर्जी ने इसी मुद्दे पर लोकसभा में कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिए के कारण पश्चिम बंगाल भयानक विपदा की ओर बढ़ रहा है,  बांग्लादेशी घुसपैठिए का नाम भी वोटिंग लिस्ट में आ चुका है। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में कुछ दस्तावेज लेकर आई थी और इस पर डिबेट करना चाहती थी। जब उस वक्त के लोकसभा स्पीकर चरणजीत सिंह ने डिबेट की अनुमती नहीं दी तो बनर्जी स्पीकर चरणजीत सिंह के पास जाकर रोने लगीं। इसके बाद बनर्जी ने अपने हाथ में लिए हुए कुछ दस्तावेजों को फाड़ कर स्पीकर चरनजीत सिंह के तरफ फैंक दिया। परिसर में बैठे सभी सांसद ममता बैनर्जी के इस हरकत को देखकर अवाक रह गए।

ममता बनर्जी ने सीपीएम पर लगाया था आरोप

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में शासन कर रही CPI-M पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध बंग्लादेशी घुसपैठिए से CPI-M को फायदा हो रहा है। CPI-M इस मुद्दे पर इसलिए बात नहीं करना चाहती है क्योंकि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए इनके लिए वोट बैंक का काम कर रहे हैं। इसके बाद बनर्जी ने अपने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इस्तीफे को उचित तरीके से पेश नहीं किए जाने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया था। ममता बनर्जी ने स्थगन प्रस्ताव का भी नोटिस दिया था जिसे स्वीकार नहीं किया गया।

NRC पर बनर्जी के नाटकीय विरोध के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विट करके साल 2005 के घटना का उल्लेख किया है। इसके अलावा जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट पर ममता बनर्जी और कांग्रेस का विरोध करते हुए कहा कि भारत के प्रभुत्व का निर्णय ऐसे लोग नहीं ले सकते जो खुद अधीर हों। 

क्या है नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC)

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में साल 2014 से 2016 के बीच इसे अपडेट किया गया। नई लिस्ट में 1951 की जनगणना में शामिल असम के नागरिकों और 24 मार्च 197 तक किसी भी मतदान सूची में शामिल मतदाताओं के नाम शामिल किये गये। 30 जुलाई 2018 को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी हुआ। विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि असम के करीब 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं है। विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन लोगों का नाम छूट गये हैं वो इसके खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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Web Title: when Mamata Banerjee cried in lok sabha on assam bangladesh migrant

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