'भारत में पेमेंट प्लेटफॉर्म बनना चाहता है वॉट्सएप', रिपोर्ट का हवाला देकर राहुल गांधी में मोदी सरकार पर फिर उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Published: August 29, 2020 03:10 PM2020-08-29T15:10:31+5:302020-08-29T15:10:31+5:30
टाइम पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत फेसबुक का सबसे बड़ा मार्केट है। यहां पर 32.8 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं, जबकि वॉट्सएप इस्तेमाल करने वालों की संख्या 40 करोड़ है।
नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस (Congress)अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को वॉट्सएप (Whatsapp) को लेकर मोदी सरकार के कथित नियंत्रण का मामला उठाया है। राहुल ने टाइम पत्रिका की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, '40 करोड़ भारतीय वॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। वॉट्सएप चाहता है कि इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत में रुपयों के भुगतान के लिए भी किया जाए। इसके लिए मोदी सरकार की अनुमति की जरूरत है। इस तरह से बीजेपी का वॉट्सएप के ऊपर होल्ड (Hold) है।
टाइम पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत फेसबुक का सबसे बड़ा मार्केट है। यहां पर 32.8 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं, जबकि वॉट्सएप इस्तेमाल करने वालों की संख्या 40 करोड़ है। रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई बार हेट स्पीच फैलाने के लिए किया जाता है। टाइम की इस रिपोर्ट का टाइटल है, "भारत की सत्ताधारी पार्टी से फेसबुक के संबंध हेट स्पीच से इसकी लड़ाई में बाधा पैदा करते हैं।"
America's Time magazine exposes WhatsApp-BJP nexus:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 29, 2020
Used by 40 Cr Indians, WhatsApp also wants to be used for making payments for which Modi Govt's approval is needed.
Thus, BJP has a hold over WhatsApp.https://t.co/ahkBD2o1WI
बीजेपी का फेसबुक पर कब्जा, ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ का दावा
अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
फेसबुक ने दी सफाई
उधर, फेसबुक ने सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।
'वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने खुलासा किया है कि फेसबुक इस तरह के झूठ और नफ़रत फैलाने का काम करती आयी है और उस पर सभी भारतीयों को सवाल उठाना चाहिए।’’