...तो व्हाट्सएप्प पढ़ता है ग्राहकों के संदेश! मोदी सरकार whatsapp के जवाब से संतुष्ट नहीं

By संतोष ठाकुर | Published: November 5, 2019 08:21 AM2019-11-05T08:21:23+5:302019-11-05T08:24:08+5:30

व्हाट्सएप्प ने कहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर आए संदेश को पढ़ नहीं सकती है क्योंंकि वह कूट भाषा में होते हैं.

WhatsApp reads messages from customers! Modi government not satisfied answer | ...तो व्हाट्सएप्प पढ़ता है ग्राहकों के संदेश! मोदी सरकार whatsapp के जवाब से संतुष्ट नहीं

फाइल फोटो

Highlightsमोदी सरकार जल्द ही कुछ विषयों को लेकर व्हाट्सएप्प से सवाल करेगी हाल में ही यह खुलासा हुआ है कि व्हाट्सएप्प के जरिए कुछ लोगों की जासूसी की गई है.

जासूसी मामले में निशाने पर आए व्हाट्सएप्प ने सरकार के नोटिस का जवाब दे दिया है. हालांकि सरकार इससे संतुष्ट नहीं दिखती है. उसने व्हाट्सएप्प के संदेश का अध्ययन कर उससे एक बार फिर से कुछ सवाल करने का निर्णय किया है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जल्द ही हम कुछ और सवाल करेंगे. लेकिन उससे पहले हम उनके जवाब के कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से व्हाट्सएप्प की ओर से लगातार सामने आ रहा है कि किन लोगों के संदेश पढ़े जा रहे थे या फिर उनकी जासूसी हो रही है, उससे यह प्रतीत होता है कि व्हाट्सएप्प के पास संदेश को पढ़ने की चाबी है. फिलहाल तक उसका तर्क यही रहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर आए संदेश को पढ़ नहीं सकती है क्योंंकि वह कूट भाषा में होते हैं. एक बार संदेश आने के बाद उसे प्राप्त करने वाला ही पढ़ सकता है. इसकी वजह यह है कि व्हाट्सएप्प ने कोई भी संदेश पढ़ने के लिए कोई बैक रूम या गुप्त चाबी नहीं रखी है.

सवाल उठता है कि फिर किस तरह से वह यह बता रहा है कि किन लोगों के संदेश पढ़े गए हैं या उनकी जासूसी हुई है. अगर किसी तीसरे पक्ष ने भी यह पढ़ा है तो फिर भी यह साबित होता है कि संदेश पढ़ने की चाबी उपलब्ध है. एक अधिकारी ने कहा कि हम व्हाट्सएप्प से यह नहीं कह रहे हैं कि वह संदेश पढ़कर हमें बताए. लेकिन हमारा कहना है कि जब कोई दंगा हो, धार्मिक उन्माद से जुड़ा मामला हो, अफवाह या फेक न्यूज का मामला हो तो वह बताए कि सबसे पहले उन्मादी-फेक न्यूज किसने पोस्ट की. यह उसके प्लेटफॉर्म पर चला संदेश है और उसके लिए इसे चिह्नित करना मुश्किल नहीं है. लेकिन वह बहाने बनाता रहा है कि वह किसी संदेश को पढ़ नहीं सकता है. जबकि हमारी मांग पढ़ने के बाद डाटाबेस से उसको चिह्नित करके यह बताने तक सीमित है कि पहली बार उस संबंधित संदेश को किसने डाला था.

अब जबकि व्हाट्सएप्प स्वयं बता रहा है कि किन लोगों के संदेश पढ़े गए या उनकी जासूसी का शक उसे है तो इसका साफ मतलब है कि जिस कूट भाषा या इंक्रीप्शन की बात वह कर रहा है वह केवल एक बहाना है. हम जल्द ही इस पर भी व्हाट्सएप्प से सवाल करेंगे. 

Web Title: WhatsApp reads messages from customers! Modi government not satisfied answer

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