लाइव न्यूज़ :

इंट्रूजन डिटेक्शन प्रणाली का प्रयोग, 6 माह के भीतर 400 हाथियों की जान बचाई, जानें क्या है और कैसे काम करता है...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 4, 2023 20:51 IST

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने बताया कि दुनिया में पहली बार इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल रेलवे ने हाथियों की ट्रेन से टक्कर रोकने के लिए किया है।

Open in App
ठळक मुद्दे60 किलोमीटर लंबे हाथी गलियारे में पहली बार इंट्रूजन डिटेक्शन प्रणाली (आईडीएस) स्थापित की है।केबल के जरिये ध्वनि का पता चलने के बाद संकेत नियंत्रण कक्ष को भेजा जाता है।निजी कंपनी के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर तैयार किया है।

गुवाहाटीः पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने हाथियों को तेज गति से आने वाली रेलगाड़ियों की टक्कर से बचाने के लिए अपने दो मंडलों में ध्वनि आधारित प्रौद्योगिकी लगाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने बताया कि दुनिया में पहली बार इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल रेलवे ने हाथियों की ट्रेन से टक्कर रोकने के लिए किया है।

 

अधिकारी ने बताया कि लामडिंग डिवीजन में पहली बार उपकरण लगाने के छह महीने के भीतर करीब 400 हाथियों की जान बचाई गई है। गुप्ता ने बताया, ‘‘हमने निजी कंपनी के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर तैयार किया है और लामडिंग में 60 किलोमीटर लंबे हाथी गलियारे में पहली बार इंट्रूजन डिटेक्शन प्रणाली (आईडीएस) स्थापित की है।

प्रौद्योगिकी की जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईडीएस पटरियों के साथ बिछाए गए ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल पटरियों के नजदीक आने वाले हाथियों के भारी-भरकम पैरों की आवाज सुनने के लिए किया जाता है। एक बार केबल के जरिये ध्वनि का पता चलने के बाद संकेत नियंत्रण कक्ष को भेजा जाता है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘सॉफ्टवेयर इसके बाद हाथियों के पैरों की आवाज को अन्य आवाज से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिये अलग करता है। इसके बाद उनका विश्लेषण करने के बाद स्टेशन मास्टर को अलर्ट भेज उस स्थान की जानकारी देता है, जहां पर जानवर मौजूद हैं।’’

गुप्ता ने साक्षात्कार में बताया कि पश्चिम बंगाल का अलीपुरद्वार एनएफआर के तहत दूसरा स्थान है जहां पर 60 किलोमीटर के गलियारे में कुछ दिन पहले आईडीएस लगाया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘गत छह महीने के दौरान प्रणाली ने 400 से 500 हाथियों के पटरी पर होने का पता लगाया और अंतत: उनकी जान बचाई जा सकी।

अब हमारा लक्ष्य एनएफआर के तहत पूरे 400 किलोमीटर लंबे हाथी गलियारे में इस प्रणाली को स्थापित करने की है।’’ गुप्ता ने दावा किया कि इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दुनिया में कहीं भी रेलवे द्वारा वन्य जीवों को बचाने के लिए नहीं किया जाता और एनएफआर पहला डिवीजन है, जहां प्रायोगिक तौर पर हाथियों को बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

टॅग्स :भारतीय रेलAshwini Vaishnavअसम
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारततत्काल टिकट बुकिंग के लिए अब OTP जरूरी, 6 दिसंबर से 13 ट्रेनों के लिए नियम होगा लागू

क्रिकेटरेलवे ने वर्ल्ड कप विजेता रेणुका सिंह ठाकुर, प्रतीक रावल और स्नेह राणा को ऑफिसर रैंक पर किया प्रमोट

भारतIndian Railways: यात्रियों के लिए खुशखबरी! जनवरी 2026 से स्लीपर क्लास में मिलेगा सैनिटाइज्ड बेडरोल, पैसेंजर को देने होंगे इतने रुपये

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत