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पश्चिम बंगाल: सीएम ममता ने मंत्रियों से अमर्त्य सेन के घर के बाहर धरना शुरू करने को कहा, बोलीं- बुलडोजर भेजे जाने पर फिर भी वहां से नहीं हटना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 3, 2023 07:35 IST

मामले में बोलते हुए एक अधिकारी ने बताया कि बनर्जी ने मंत्रियों से कहा है कि जिले के लोक कलाकारों को भी प्रदर्शन में शामिल करना चाहिए और वहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाना चाहिए।

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ठळक मुद्देअमर्त्य सेन भूमि विवाद में सीएम ममता ने मंत्रियों विरोध करने को कहा है। उन्होंने मंत्रियों से कहा है कि विरोध में अमर्त्य सेन के घर के बाहर धरना शुरू करें। सीएम ममता ने यह भी कहा है कि अगर बुलडोजर भेजा जाता है तो भी वहां से हटे नहीं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के मंत्रियों से विश्वभारती विश्वविद्यालय के बेदखली आदेश के विरोध में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के शांति निकेतन स्थित आवास के बाहर धरना देने को कहा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। 

जमीन कब्जा के लिए बुलडोजर भी आए तो भी वहां से नहीं हटे- सीएम ममता

कैबिनेट की एक बैठक के दौरान, बनर्जी ने एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्यम) मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा को इस विरोध का नेतृत्व करने के लिए कहा, जिसमें शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम शामिल होंगे। बनर्जी ने उनसे कहा कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीन पर कब्जा करने के लिए बुलडोजर भी भेजे, तो भी वे वहां से नहीं हटें। 

 विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के भी आयोजन को कहा

अधिकारी के अनुसार, बनर्जी ने मंत्रियों से कहा कि जिले के लोक कलाकारों को भी प्रदर्शन में शामिल करना चाहिए और वहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बेदखली के अपने आदेश में सेन को छह मई तक या 19 अप्रैल के प्रकाशित आदेश के 15 दिनों के अंदर भूमि को खाली करने को कहा है, जिस पर कथित रूप से अनधिकृत कब्जा किया गया है। 

सेन ने विश्व भारती के बेदखली के आदेश को चुनौती दी है

बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के वकीलों ने पश्चिम बंगाल की वीरभूम जिला अदालत का रुख कर विश्व भारती के बेदखली के उस नये आदेश को चुनौती दी है, जिसमें प्रख्यात अर्थशास्त्री को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित उनकी पैतृक संपत्ति के अंदर ‘अतिक्रमित भूमि’ का एक हिस्सा खाली करने को कहा गया है। 

गौरतलब है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने आदेश में सेन को छह मई तक या 19 अप्रैल के प्रकाशित आदेश के 15 दिनों के अंदर सेन को इसे (भूमि को) खाली करने को कहा है, जिसपर कथित रूप से अनधिकृत तरीके से कब्जा किया गया है। इस दावे का खंडन करते हुए सेन के वकीलों ने शुक्रवार को जिला अदालत का रुख कर विश्व भारती के आदेश को चुनौती दी है और बेदखली के इस आदेश को अवैध करार दिया है। 

भाषा इनपुट के साथ  

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