फर्जी मुख्य न्यायाधीश के चक्कर में फंसे बिहार के डीजीपी पत्रकारों के सवालों पर भड़के, कहा-हमलोग अधिकारी हैं
By एस पी सिन्हा | Updated: October 21, 2022 16:10 IST2022-10-21T16:10:49+5:302022-10-21T16:10:49+5:30
डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि मैं सभी लोगों यह सुझाव दूंगा कि अंदाजे पर बात बिल्कुल न करें इसका अनुसंधान हो जाने दीजिए उसके बाद बिल्कुल सही समय पर एक-एक चीज के बारें में बताऊंगा।

फर्जी मुख्य न्यायाधीश के चक्कर में फंसे बिहार के डीजीपी पत्रकारों के सवालों पर भड़के, कहा-हमलोग अधिकारी हैं
पटना: बिहार के डीजीपी एसके सिंघल फर्जी मुख्य न्यायाधीश के फोन कॉल मामले में घिरते जा रहे हैं। इस मामले पर डीजीपी पहली बार मीडिया के सामने बोले। उन्होंने कहा कि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है, इसपर कयासबाजी नहीं होनी चाहिए। जब उनसे इस मामले में सीबीआई जांच करवाने को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने इसपर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
डीजीपी ने कहा कि मैं सभी लोगों यह सुझाव दूंगा कि अंदाजे पर बात बिल्कुल न करें इसका अनुसंधान हो जाने दीजिए उसके बाद बिल्कुल सही समय पर एक-एक चीज के बारें में बताऊंगा। पत्रकारों ने जब उनसे भाजपा के आरोपों पर सवाल किया तो डीजीपी भड़क गए और उन्होंने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि आप लोग अंदाजा न लगाएं।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि भाजपा सांसद सुशील मोदी ने यह बात उठाई है। एसके सिंघल ने कहा कि इसपर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। हमारी जो एजेंसी है, वह पूरी तरह से सक्षम है। उनके अंदर पूरी दक्षता है। हमें किसी राजनीतिक बात में पड़ना ही नहीं है। हमलोग अफसर हैं। ये बहुत संवेदनशील, पेंचीदा, रेयर टाइप का मामला है। जिसका अनुसंधान अभी चल रहा है।
उन्होंने कहा कि वैसे भी हमलोग अपने सबूतों को जुटा कर काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि फर्जी फोन कॉल मामले के बाद बिहार के गृह विभाग ने आदित्य कुमार को उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया है। गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज शराब उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दिलाने के लिए डीजीपी पर दबाव बनाने के लिए दोनों ने गहरी साजिश रची थी।