ब्लैक फंगस की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- हम नरक में जी रहे हैं, हम बेबस हैं

By भाषा | Updated: May 28, 2021 21:41 IST2021-05-28T21:11:34+5:302021-05-28T21:41:05+5:30

उच्च न्यायालय ने केंद्र को दवाओं के आयात की मौजूदा स्थिति और खेप के कब तक आने की संभावना है, इस पर आगे विवरण पेश करने का निर्देश दिया।

We are living in hell, we are helpless: the High Court said on the shortage of black fungus medicine | ब्लैक फंगस की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- हम नरक में जी रहे हैं, हम बेबस हैं

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsलगातार बढ़ते ब्लैक फंगस के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की।दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स की ताजा स्थिति और ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर भी सुनवाई की।दिल्ली में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लैक फंगस की दवा की किल्लत और मरीजों को हो रही दिक्कतों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को क्षोभ प्रकट किया। अदालत ने कहा, ‘‘हम इस नरक में जी रहे हैं। हर कोई इस नरक में जी रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां हम मदद करना चाहते हैं, लेकिन हम असहाय हैं।’’

केंद्र ने दवा हासिल करने और इसकी कमी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट सौंपी। ब्लैक फंगस से संक्रमित दो मरीजों के लिए दवा मुहैया कराने के निर्देश के अनुरोध वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थिति पर बेबसी जाहिर की और कहा कि वह किसी खास मरीज के लिए कोई आदेश जारी नहीं कर सकता कि दूसरों के बजाए उसे इलाज में प्राथमिकता दी जाए।

वकील राकेश मल्होत्रा ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए दवाओं की किल्लत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस संक्रमण से ग्रस्त रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट पेश कर आयात की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया है। इस पर सोमवार को विचार किया जाएगा। यह इंगित करना होगा कि 2.30 लाख शीशियां कब पहुंच रही है और क्या दवा की अधिक उपलब्धता है ताकि इसे आयात किया जा सके।’’

अदालत ने कोविड-19 महामारी से जुड़े कई मामलों पर छह घंटे तक सुनवाई की। अदालत ने केंद्र से 31 मई को ठोस बयान के साथ आने को कहा है कि इन 2.30 लाख शीशियों का क्या होगा और ये भारत कब पहुंच रही हैं। इसके लिए ऑर्डर दिया गया है या नहीं।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया कि 28 मई को सुबह नौ बजे तक म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) के 14,872 उपचाराधीन मरीज हैं और इसमें 423 मरीज दिल्ली में हैं।

उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, रूस, जर्मनी, अर्जेन्टीना, बेल्जियम और चीन से लिपोसोमल एमफोटेरिसिन-बी की 2,30,000 शीशियों को खरीदने को लेकर कदम उठाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से कहा है।केंद्र ने वकील अमित महाजन, कीर्तिमान सिंह और निधि मोहन पराशरन के जरिए दाखिल रिपोर्ट में कहा है, ‘‘विदेश मंत्रालय से इसावुकोनाजोल की 50,000 गोलियां भी खरीदने को कहा गया है। विदेश मंत्रालय इस संबंध में कदम उठा रहा है।’’

केंद्र ने बताया कि देश के भीतर एमफोटेरिसिन-बी लिपोसोमल इंजेक्शन की उत्पादन क्षमता भी बढ़ायी गयी है। अप्रैल में उत्पादन क्षमता 62,000 इंजेक्शन की थी, जो मई में 1,40,000 हो गयी और जून में इसके 3,25,114 होने की संभावना है।

Web Title: We are living in hell, we are helpless: the High Court said on the shortage of black fungus medicine

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