महाराष्ट्रः यहां इंद्र भगवान नहीं हैं मेहरबान, पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहे हैं 550 गांव
By भाषा | Published: July 18, 2019 01:32 PM2019-07-18T13:32:05+5:302019-07-18T13:46:33+5:30
मराठवाड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस जिले के 225 जलाशयों में जल भंडार केवल 0.74 प्रतिशत बचा हुआ है। इस क्षेत्र में भूजल का स्तर भी काफी नीचे गिर गया है, जिससे किसानों और स्थानीय लोगों में चिंता पैदा हो गई है।
महाराष्ट्र में उस्मानाबाद जिले के 700 से अधिक गाँवों में से लगभग 550 गाँवों में पानी की काफी किल्लत है, क्योंकि क्षेत्र में इस मानसून में अब तक केवल 15 प्रतिशत वर्षा हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस जिले के 225 जलाशयों में जल भंडार केवल 0.74 प्रतिशत बचा हुआ है। इस क्षेत्र में भूजल का स्तर भी काफी नीचे गिर गया है, जिससे किसानों और स्थानीय लोगों में चिंता पैदा हो गई है।
राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, संकट से निपटने के लिए लगभग 234 पानी के टैंकरों को सेवा में लगाया गया है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उस्मानाबाद के कुल 737 गाँवों में से 550 इस वर्ष मानसून की कमी के कारण भयंकर जलसंकट का सामना कर रहे हैं। जिले में अब तक केवल 15 प्रतिशत बारिश हुई है, जबकि मानसून की आधी अवधि भी लगभग खत्म हो चुकी है।
विभाग के एक सूत्र ने बताया कि बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा है और कुछ किसानों को अपने मवेशियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे उनके लिए चारा खरीदने में सक्षम नहीं हैं।
विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष, कुल चार 4 लाख हेक्टेयर भूमि में से केवल 1.43 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही खरीफ फसलों को लगाया गया है। जिला कृषि अधिकारी उमेश घाटगे ने कहा कि वे अभी भी फसलों को बचाने के लिए अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं।