Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: मुंबई में प्रदर्शनकारियों के वाहनों का प्रवेश बंद, आजाद मैदान खाली करा रही पुलिस, देखिए वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 2, 2025 16:02 IST2025-09-02T15:28:19+5:302025-09-02T16:02:27+5:30
Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: अधिकारियों ने बताया कि 29 अगस्त को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण आंदोलन के पहले दिन 60,000 से अधिक प्रदर्शनकारी और 7,000 से अधिक वाहन शहर में दाखिल हुए।

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मुंबईः पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों को मुंबई में प्रवेश करने से रोकने के लिए शहर के सभी प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शहर में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंदोलन का समर्थन करने के लिए पहले ही हजारों आंदोलनकारी एकत्र हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि 29 अगस्त को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण आंदोलन के पहले दिन 60,000 से अधिक प्रदर्शनकारी और 7,000 से अधिक वाहन शहर में दाखिल हुए।
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: DCP Zone 1, Pravin Munde and other Police officials arrive at Azad Maidan to vacate the area. Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil is on a hunger strike here and his supporters are present here as well.
— ANI (@ANI) September 2, 2025
Earlier today, Mumbai Police… pic.twitter.com/bxvodGSx9C
पुलिस के अनुसार, मंगलवार को दक्षिण मुंबई में प्रदर्शनकारियों के लगभग 5,000 वाहन खड़े थे। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन में भाग लेने के बजाय प्रदर्शनकारियों को इलाके की सड़कों पर कब्जा करते हुए और आंदोलन की अनुमति देते समय अधिकारियों द्वारा निर्धारित शर्तों का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए देखा गया।
Mumbai, Maharashtra | We are taking action as per the Court order. We have come to vacate the area. If anyone obstructs it, action will be taken: Mumbai, Maharashtra: DCP Zone 1, Pravin Munde https://t.co/kYsXs52xK3pic.twitter.com/bqYUM8rM6J
— ANI (@ANI) September 2, 2025
एक अधिकारी ने बताया कि आरक्षण के मुद्दे पर गतिरोध पांचवें दिन भी जारी रहने तथा और अधिक प्रदर्शनकारियों के मुंबई आने की संभावना के मद्देनजर पुलिस ने शहर के सभी प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया है। उन्होंने बताया कि स्थिति का संज्ञान लेते हुए वाशी, ऐरोली, ठाणे और दहिसर सहित मुंबई की ओर जाने वाले सभी प्रवेश मार्गों को मराठा आंदोलनकारियों के वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है।
देश की आर्थिक राजधानी के विभिन्न प्रवेश मार्गों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी भारी वाहनों को अगले आदेश तक मुंबई के प्रवेश बिंदुओं से पहले रुकने के लिए कहा गया है, जबकि कारों समेत आम जनता के सभी हल्के वाहनों को जांच के बाद शहर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है।
VIDEO | Maratha Quota Stir: Security tightened at Mumbai’s Azad Maidan, where activist Manoj Jarange and his supporters are agitating, demanding reservation for the Maratha community. The Bombay High Court has directed them to vacate the grounds by 3 pm or face action.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
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उन्होंने बताया कि शहर में आपातकालीन सेवा वाहनों को प्रवेश की अनुमति है। दक्षिण मुंबई में हज़ारों मराठा आरक्षण आंदोलनकारी इकट्ठा हो रहे हैं, इसलिए पुलिस कानून-व्यवस्था की किसी भी समस्या से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी बरत रही है। न्यायालय ने मंगलवार को जरांगे और उनके समर्थकों को मंगलवार अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करने या कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया।
इससे पहले, मंगलवार को मुंबई पुलिस ने जरांगे और उनकी टीम को नोटिस जारी कर उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा। मुंबई उच्च न्यायालय ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों को निर्देश दिया वे मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करें, नहीं तो कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर जरांगे और उनके समर्थक जगह खाली नहीं करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें भारी जुर्माना और अवमानना का मुकदमा भी शामिल है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे जरांगे की पीठ ने कहा कि वे चाहते हैं कि अपराह्न तीन बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल हो जाए। उच्च न्यायालय ने कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने कानून का उल्लंघन किया है और इसलिए उन्हें बिना अनुमति के आजाद मैदान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।
VIDEO | Maratha quota stir: Activist Manoj Jarange continues his indefinite hunger strike at Azad Maidan, vowing not to leave Mumbai until the community’s demands are met. The Bombay High Court has directed Jarange and his supporters to vacate Azad Maidan or face action.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
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अदालत ने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर स्थिति है। हम राज्य सरकार से भी संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सरकार की ओर से भी कुछ चूक हुई है।’’ जरांगे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने मुंबई की सड़कों पर उनके कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी और कहा कि आरक्षण कार्यकर्ता ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसी भी आम नागरिक को परेशानी न हो। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि अब से कोई गलत व्यवहार नहीं होगा। इसके बाद अदालत ने पूछा कि क्या जरांगे और उनके समर्थक आजाद मैदान से चले गए हैं।
जरांगे 29 अगस्त से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘‘वे (जरांगे और उनके समर्थक) उल्लंघनकर्ता हैं और इसलिए उनके पास कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत चले जाना चाहिए, वरना हम कार्रवाई करेंगे। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। अपराह्न तीन बजे के बाद हम आजाद मैदान में किसी को भी आने की अनुमति नहीं देंगे।’’
अदालत ने कहा कि सोमवार को कई प्रदर्शनकारियों ने उच्च न्यायालय को घेर लिया था, जिससे न्यायाधीशों के काम में बाधा उत्पन्न हुई। पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति अस्वीकार्य है कि उच्च न्यायालय को घेराबंदी जैसी परिस्थिति में डाल दिया जाए और एक न्यायाधीश को अदालत तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना पड़े।’’
अदालत अब मामले में मंगलवार अपराह्न तीन बजे सुनवाई करेगी। मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि जरांगे ने आजाद मैदान में प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति के लिए एक नया आवेदन किया है, लेकिन अब तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है। अदालत ने कहा कि कार्यकर्ता और उनके समर्थक अपने आवेदन पर आदेश की आशा में आजाद मैदान पर अवैध रूप से कब्जा नहीं कर सकते।
पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘उन्हें अपराह्न तीन बजे तक खाली करने को कहें, नहीं तो हम कानून के अनुसार सभी कदम उठाएंगे। हम उन पर कठोर जुर्माना लगाएंगे या अवमानना की कार्रवाई शुरू करेंगे। हम अपराह्न तीन बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति चाहते हैं।’’ मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि जरांगे पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग मोड़ पर पहुंच गई है।
उच्च न्यायालय ने आरक्षण कार्यकर्ता और उनके समर्थकों से व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने को कहा। मानेशिंदे ने पीठ को बताया कि जरांगे ने चार महीने पहले सरकार को सूचित किया था कि वह मुंबई में प्रदर्शन करेंगे और एक महीने पहले अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक आज़ाद मैदान में कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
इसके बाद पीठ ने कहा कि आजाद मैदान में केवल 5,000 लोगों के लिए अनुमति थी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारी मुंबई में आ गए हैं। अदालत ने पूछा, ‘‘आपने (जरांगे ने) यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए कि 5,000 से अधिक लोग नहीं आएं। जब आपको पता चला कि 50,000 से अधिक लोग मुंबई शहर में घुस आए हैं, तो आपने क्या कदम उठाए? क्या आपने उन्हें मुंबई छोड़ने के लिए कहा?’’
मानेशिंदे ने कहा कि जरांगे ने मीडिया के जरिए अपने समर्थकों से अपील की थी और कहा कि सोमवार को उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सड़कें खाली करा दी गई हैं और सभी वाहनों को सड़कों से हटा दिया गया है। जरांगे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समूह के तहत मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में पांच दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
इससे पहले सोमवार को उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था और आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देते समय अधिकारियों द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का जरांगे एवं उनके समर्थकों ने उल्लंघन किया है। सोमवार को अदालत ने यह भी कहा कि प्रदर्शन के कारण मुंबई ठप हो गई है और शहर थम सा गया है।
अदालत ने सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया। इसके बाद, अदालत ने जरांगे और उनके समर्थकों को स्थिति सुधारने तथा मंगलवार दोपहर तक उनके द्वारा अवरुद्ध एवं कब्जा की गई सड़कों को खाली करने का अवसर दिया। अदालत ने सरकार और पुलिस को शर्तों के उल्लंघन के लिए जरांगे एवं उनके समर्थकों के खिलाफ कानून के अनुसार कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को जरांगे और उनकी टीम को एक नोटिस जारी किया और उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा। राष्ट्रवादी कांग्रेए पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने मंगलवार को दावा किया कि आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा पूर्व में किये गए आंदोलनों के दौरान बातचीत करने वाले महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अब इस प्रक्रिया में नदारद हैं।
उन्होंने पूछा कि सरकार ‘‘सोने का नाटक’’ क्यों कर रही है? जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन कर रहे हैं। राज्य भर से उनके हजारों समर्थक राज्य की राजधानी में आंदोलन में शामिल हुए हैं। पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया, ‘‘ पिछले आंदोलन में, चूंकि चुनाव नज़दीक थे, बातचीत के लिए 10 मंत्री आते थे। लेकिन अब, बातचीत करने या समाधान निकालने की कोई कोशिश करने के लिए एक भी प्रतिनिधि नहीं आया है।
क्या यह सरकार का सही रुख है?’’ उन्होंने सरकार के कुछ नेताओं पर जानबूझकर आंदोलन को बदनाम करने और इसके प्रति जनता की सहानुभूति को कमजोर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया। विपक्षी राकांपा (एसपी) के विधायक ने सवाल किया, ‘‘एक तरफ प्रदर्शनकारियों से कोई बातचीत नहीं हो रही है और दूसरी तरफ आंदोलन को बदनाम करने और गलतफहमी पैदा करने की साजिशें रची जा रही हैं।
क्या सत्ता में बैठे लोगों को यही शोभा देता है?’’ उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कोई गलती न करने की अपील की और दावा किया कि सरकार केवल ‘‘मौके की तलाश में’’ है। पवार ने कहा कि आंदोलनकारियों को शांति बनाए रखनी चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने सरकार से कहा कि उसे मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए, बल्कि तत्काल समाधान तलाशने का प्रयास करना चाहिए।
राकांपा(एसपी) नेता ने सवाल किया, ‘‘मुख्यमंत्री गणपति दर्शन में व्यस्त हैं, एक उपमुख्यमंत्री अपने गांव गए हुए हैं, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे। इतने संवेदनशील मुद्दे के बावजूद सरकार नींद में क्यों सो रही है?’’