किश्तवाड़ में बादल फटा: चारों ओर चीखते लोग, 55 शव बरामद, 150 से ज्यादा घायल, 200 लोग अभी भी लापता, देखिए मंजर
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 14, 2025 22:00 IST2025-08-14T18:30:54+5:302025-08-14T22:00:24+5:30
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं।

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जम्मूः जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर उप-मंडल के चशोती गांव में गुरुवार को बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस आपदा के कारण मचेल माता यात्रा मार्ग पर अचानक बाढ़ आ गई, जिससे एक सामुदायिक रसोईघर अर्थात लंगर बह गया और तीर्थयात्रियों सहित सैकड़ों लोग फंस गए। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों की मदद से बचाव कार्य जारी है, और अबाबील एनजीओ की इकाइयों सहित 30 से ज्यादा एम्बुलेंस घटनास्थल पर अभी भी तैनात हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है, जबकि अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से स्थिति स्थिर होने तक मचेल की यात्रा करने से बचने का आग्रह किया है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने क्षेत्र में और भारी बारिश की चेतावनी दी है।
#WATCH | J&K | A flash flood has occurred at the Chashoti area in Kishtwar following a cloud burst. Rescue Operations have been started. pic.twitter.com/MKj5DQwrKK
— ANI (@ANI) August 14, 2025
J-K: Massive cloudburst hits Kishtwar's Chashoti near Machail Mata Yatra route
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अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।
#WATCH | J&K: River in Mendhar in spate due to heavy incessant rainfall in Poonch. River overflows and floods the road. pic.twitter.com/mGkCkqOscn
— ANI (@ANI) August 14, 2025
चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने आपदा के तुरंत बाद बचाव दल को रवाना किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए खुद भी घटनास्थल की ओर रवाना हुए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से इस संबंध में बात की है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चशोती क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना हुई है, जिससे भारी जनहानि होने की आशंका है। प्रशासन कार्रवाई में तुरंत जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है।’’ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है तथा प्राधिकारी सभी बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान के लिए घटनास्थल रवाना हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल उधमपुर से किश्तवाड़ भेजे गए हैं।
#WATCH | J&K: River in Mendhar in spate due to heavy incessant rainfall in Poonch. River overflows and floods the road.
— ANI (@ANI) August 14, 2025
Administration alerts people about the situation. pic.twitter.com/3fqYGbsQeS
उपायुक्त ने कहा, ‘‘इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।’’ वह स्वयं मौके पर पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में बचाव और राहत अभियान जोरों पर है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उपराज्यपाल ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘चशोती में बचाव और राहत अभियान पूरे ज़ोरों पर है। घटनास्थल पर राहतकर्मी और मशीनें भेजी गई हें। अन्य टीम भी भेजी गई हैं।’’ इससे पहले सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया।
Union Minister Jitendra Singh tweets, "Kishtwar Update: Just now recieved a call from LoP J&K and local MLA Sunil Kumar Sharma. Also spoke to CM Omar Abdullah. The additional rescue teams are finding it difficult to reach the site of the cloud burst, yet they are trying despite… pic.twitter.com/xfoXSseL77
— ANI (@ANI) August 14, 2025
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। असैन्य, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज करने तथा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।’’ विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें बादल फटने की बड़ी घटना होने की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि फिलहाल किसी के पास सटीक आंकड़े हैं, लेकिन आशंका है कि इलाके में भारी नुकसान हुआ है।’’ शर्मा ने कहा कि वहां भारी नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा जारी रहने के कारण इलाके में काफी भीड़ है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया।
#WATCH | J&K | A flash flood has occurred at the Chashoti area in Kishtwar, which is the starting point of the Machail Mata Yatra. Rescue Operations have been started. pic.twitter.com/dQbUBx46A9
— ANI (@ANI) August 14, 2025
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चशोती, किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से बहुत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सरकार से आग्रह करता हूं कि वह तुरंत बचाव और राहत अभियान चलाए और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता और उपचार सुनिश्चित करे।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जहांजैब सिरवाल ने प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हृदयविदारक घटना एक व्यापक चिंता को रेखांकित करती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह है किश्तवाड़ में बिजली परियोजनाओं का अनियंत्रित प्रसार।
सिरवाल ने कहा, ‘‘विकास आवश्यक है, लेकिन कठोर तंत्र या उचित पर्यावरणीय आकलन के बिना चल रही परियोजनाएं हमारे नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं।’’ उन्होंने केंद्र से इन पहलों पर तत्काल और गहन जांच करने का आग्रह किया। सिरवाल ने कहा, ‘‘यदि अब भी कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में किश्तवाड़ और उसके लोगों के लिए परिणाम और भी भयावह हो सकते हैं।’’