पटनाः बिहार में नई सरकार बनते ही राबड़ी देवी के बंगले को छीन लिया गया है। राज्य सरकार ने 10, सर्कुलर स्थित बंगले को लालू परिवार से वापस ले लिया था। भवन निर्माण विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था। नए फैसले के तहत राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड आवास खाली करना होगा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के नाते राबड़ी देवी को नया आवास मिला है। अब 10 सर्कुलर रोड की जगह राबड़ी देवी के नए आवास का पता 39 हार्डिंग रोड होगा। यही आवास उन्हें आवंटित किया गया है।
सर्कुलर रोड स्थित 10 नंबर बंगले से देर रात फर्नीचर और घरेलू सामान की आवाजाही ने बिहार में एक शांत लेकिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया है। आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने उस बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो लगभग बीस वर्षों से लालू परिवार का सत्ता केंद्र रहा है।
अंधेरे में पिक-अप वैन से सामान ले जाते हुए देखा गया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि सामान कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन इस गतिविधि से यह पुष्टि हो गई है कि परिवार ने खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विज्ञापन नया आवंटन, पुराना घर खाली करना होगा बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी देवी को हार्डिंग रोड स्थित 39 नंबर बंगले में एक नया सरकारी आवास आवंटित किया है।
नए आवंटन की औपचारिक पुष्टि के साथ ही उनके लिए सर्कुलर रोड स्थित 10 नंबर बंगले को खाली करना अनिवार्य हो गया है, जहां परिवार 2006 से रह रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सामान का स्थानांतरण आवंटन आदेश के बाद हुआ, हालांकि बंगले को सौंपने के लिए कोई आधिकारिक समयसीमा घोषित नहीं की गई है।
लालू परिवार को मिला 10 सर्कुलर रोड लगभग पंद्रह वर्षों तक बिहार पर शासन करने के बाद, आरजेडी 2005 में सत्ता से बाहर हो गई। जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और 1 एने मार्ग में रहने लगे, तो राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री आवास के बगल में स्थित 10 सर्कुलर रोड बंगला आवंटित किया गया।
राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के बावजूद, यह आवास राबड़ी देवी के नाम पर ही रहा और धीरे-धीरे राज्य के सबसे चर्चित राजनीतिक केंद्रों में से एक बन गया, जो आरजेडी के अनौपचारिक मुख्यालय के रूप में कार्य करता था। भवन निर्माण विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश में लिखा गया है कि नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद के आवासन हेतु पटना केन्द्रीय पूल का आवास संख्या-39, हार्डिंग रोड, पटना कर्णांकित किया जाता है।
तदनुसार पूर्व के आदेश को विखण्डित करते हुए राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद हेतु कर्णांकित आवास संख्या-39, हार्डिंग रोड, पटना आवंटित किया जाता है। प्रस्ताव में सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते बिहार सरकार की तरफ से आवास आवंटित किया गया है।
इस आवास में उनके और उनके पूरे परिवार की सुरक्षा मानकों को ध्यान रखा गया है। इसके बाद से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव का परिवार नवंबर 2005 से ही 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रहता है। इस बंगले का बिहार की राजनीति में खास जगह है। पटना का राबड़ी आवास राजद में पावर सेंटर के तौर पर जाना जाता है।
अब राज्य सरकार ने जो आदेश निकाला है उसके अनुसार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए हार्डिंग रोड के 39 नंबर के बंगले को कर्णांकित कर दिया गया है। यानि अब से जो भी नेता प्रतिपक्ष बनेगा, वह इसी बंगले में रहेगा। राबड़ी देवी को अभी इसी बंगले में रहना होगा।
उल्लेखनीय है कि राबड़ी देवी के बंगले में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी रहते हैं। हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी को 1, पोलो रोड का बंगला मिला हुआ है। लेकिन वहां तेजस्वी यादव का कार्यालय चलता है और उस बंगले में तेजस्वी के करीबी संजय यादव रहते हैं। लिहाजा तेजस्वी को भी नये घर में जाना होगा।
जानकारों के अनुसार इस बंगले में परिवार की जरूरतों के हिसाब से कई फेरबदल किए गए। कई नये कमरे बनाए गए। कांफ्रेंस रूम से लेकर दूसरी सुविधाएं दी गईं। लेकिन अब ये घर खाली करना पड़ेगा। सियासी गलियारे में चर्चा है कि भाजपा ने लालू परिवार का बंगला खाली कराने फैसला लिया है।
जब सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर सरकारी बंगला आवंटित करने पर रोक लगा दी थी तो राबड़ी देवी के बंगले पर संकट खड़ा हो गया था। लेकिन तब नीतीश कुमार ने वह बंगला राबड़ी देवी के नाम पर ही बनाये रखने का इंतजाम करा दिया था। लेकिन भाजपा ने इस दफे कठोर फैसला लिया है।
राबड़ी देवी का सरकारी बंगला खाली करना राजनीति नहीं, कानून का पालन है: नीरज कुमार
जनता दल (यूनाइटेड) के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने यहां 10 सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के सरकारी बंगले को खाली करने की प्रक्रिया को लेकर शुक्रवार को कहा कि यह कोई राजनीति नहीं, बल्कि कानून का पालन है।
नीरज कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते राबड़ी देवी के नाम पहले से ही केंद्रीय पूल का एक सरकारी आवास आवंटित है। इसके बावजूद पुराने सरकारी बंगले को खाली न करना सरकारी संसाधनों का खुला दुरुपयोग है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “राबड़ी जी, आपको संपत्तियों की कोई कमी नहीं है—कौटिल्य नगर या महुआ बाग में रहिए, लेकिन सरकारी बंगले पर कब्जा छोड़िए।” जद(यू) नेता ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है और पद या राजनीति के नाम पर सरकारी संपत्तियों पर अनावश्यक कब्जा बनाए रखने को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
बृहस्पतिवार देर रात एक पिकअप वैन के जरिए राबड़ी देवी के सरकारी बंगले के परिसर से पेड़-पौधों सहित अन्य घरेलू सामान बाहर निकाले जाने की खबर सामने आई। हालांकि, यह सामान कहां ले जाया जा रहा है, इस संबंध में वहां मौजूद लोगों ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने 25 नवंबर 2025 को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला खाली करने का नोटिस दिया था। इसके बाद पटना के हार्डिंग रोड स्थित 39 नंबर का नया सरकारी बंगला राबड़ी देवी के नाम आवंटित किया गया है। यह आवास उन्हें विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद के आधार पर केंद्रीय पूल से दिया गया है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से पहले दावा किया गया था कि लालू-राबड़ी परिवार यह आवास खाली नहीं करेगा। हालांकि, नोटिस मिलने के करीब एक महीने बाद अब इसे खाली किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास का बिहार की राजनीति में खास स्थान रहा है।
चारा घोटाला मामले में 23 जून 1997 को लालू यादव के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने के बाद गिरफ्तारी की आशंका के बीच लालू ने 25 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। राबड़ी देवी को 2005 में 10 सर्कुलर रोड स्थित यह सरकारी आवास आवंटित किया गया था, जो लगभग दो दशकों तक लालू परिवार और राजद की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा।