नई दिल्ली: हर वर्ष 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाली बीटिंग द रिट्रीट अपने आप में बेहद दिलचस्प होती है। सेना के बैंड्स की धुन देखने वालों के रोम रोम में देशभक्ति का भाव भरते हैं। इसमें तीनों सेनाओं के बैंड लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं। इस बार होने वाली बीटिंग द रिट्रीट और भी खास होने वाली है।
1000 मेड इन इंडिया ड्रोन्स आकाश में दिखाएंगे करतब
इस बार 1000 मेड इन इंडिया ड्रोन्स आकाश में अपना करतब दिखाएंगे। बकायदा इसके लिए राजपथ पर रिहर्सल किया जा रहा है। शुक्रवार को ड्रोन्स के रिहर्सल का वीडियो सामने आया है। आईएएनएस की खबर के मुताबिक चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद एक हजार ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर समारोह में परफॉर्म करने वाला भारत चौथा देश होगा।
इन सभी ड्रोन को सॉफ्टवेयर जैसे फ्लाइट कंट्रोलर, जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम जैसी तकनीकि चीजों से लैस किया गया है। साथ ही बीटिंग रिट्रीट समारोह में पहली बार लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह की रिहर्सल की जा रही है।
क्या बीटिंग द रीट्रीट?
बीटिंग द रीट्रीट रिपब्लिक डे सेलीब्रेशन का हिस्सा होता है। दरअसल गणतंत्र दिवस का सेलीब्रेशन एक दिन का नहीं, बल्कि चार दिनों का होता है। गणतंत्र दिवस के आखिरी दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही आधिकारिक रूप से गणतंत्र दिवस के आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन होता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।
1950 से शुरू हुई है इसकी शुरुआत
बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की बहुत पुरानी परंपरा है, इसका असली नाम ‘वॉच सेटिंग’ है और यह सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है, भारत में बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत सन 1950 से हुई।