Waqf Amendment Bill: तो संसद भवन समेत कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं?, लोकसभा में बोले किरेन रीजीजू, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 2, 2025 15:08 IST2025-04-02T15:07:19+5:302025-04-02T15:08:15+5:30
Waqf Amendment Bill Live: वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि 1995 में जब कई संशोधनों के साथ व्यापक कानून बनाया गया था, तब किसी ने नहीं कहा था कि यह असंवैधानिक और गैरकानूनी है।

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Waqf Amendment Bill Live: सरकार ने बुधवार को कहा कि अगर वह वक्फ संशोधन विधेयक नहीं लाती तो संसद भवन समेत कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं और कांग्रेस के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन होता तो केवल मुसलमानों की ही नहीं, बल्कि देश की तकदीर भी बदल जाती। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए यह भी कहा कि इसके माध्यम से सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
#WATCH | After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...I told you about Sundereshwar temple. When no other religion existed, the Surendereshwar temple was there in Tiruchenthurai village in Tamil Nadu. The temple was… pic.twitter.com/FR2aQMNoWn
— ANI (@ANI) April 2, 2025
#WATCH | In the Lok Sabha, Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav says "Whenever BJP brings up a new Bill, it hides its failure. BJP is talking about identifying the land of Muslim brothers so that the issue of identifying the Hindus who have died or lost in Maha Kumbh can be covered… pic.twitter.com/05k3JV5zYH— ANI (@ANI) April 2, 2025
उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि 1995 में जब कई संशोधनों के साथ व्यापक कानून बनाया गया था, तब किसी ने नहीं कहा था कि यह असंवैधानिक और गैरकानूनी है। रीजीजू ने कहा, ‘‘आज हम इसे सुधार कर ला रहे हैं तो यह असंवैधानिक लग रहा है। तर्कों पर बात कीजिए।
जिन बातों का विधेयक से कोई लेनादेना नहीं, उन पर बात की जा रही है और लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार मस्जिद, दरगाह और मुसलमानों की संपत्तियों को छीन लेगी जो पूरी तरह गुमराह करने वाली बात है। रीजीजू ने साफ किया कि यह विधेयक पूर्वगामी प्रभाव से लागू नहीं होगा।
BJP MP Ravi Shankar Prasad criticises Opposition over 'selective quoting' of Constitution in Waqf Bill debate
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उन्होंने इस विधेयक की जरूरत के कारण गिनाते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 2013 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए जिनसे कई संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं। रीजीजू ने कहा कि 2013 में पहली बार वक्फ कानून में यह बदलाव किया गया कि इस देश में किसी भी धर्म का व्यक्ति वक्फ बना सकता है।
After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...As per Section 40. Previously, any land could be declared as Waqf property, but we have removed that provision... This provision was misused to such an extent that the… pic.twitter.com/cX8677qV1g
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उन्होंने कहा कि इनके अलावा ऐसे प्रावधान किए गए कि शिया वक्फ में शिया ही रहेंगे, सुन्नी वक्फ में सुन्नी ही रहेंगे तथा बाहर से कोई और नहीं आ सकता। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘एक धारा में तो यह तक लिखा गया कि वक्फ बोर्ड का कानून किसी भी मौजूदा कानून के ऊपर रहेगा। इस देश में ऐसा कानून कैसे मंजूर किया जा सकता है।’’
#WATCH | After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...This provision is being made in the government that when you create Waqf property, it should not happen that you go to a tribal area and create Waqf on tribal… pic.twitter.com/clSW7N8lOu
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उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित इस संसद भवन, सीजीओ कॉम्प्लेक्स समेत कई संपत्तियों पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का दावा था। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले 5 मार्च 2014 को उस समय की संप्रग सरकार ने आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन 123 मुख्य संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया।
रीजीजू ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा, ‘‘कुछ दिन इंतजार करते। आपको लगा कि वोट मिलेंगे, लेकिन आप चुनाव में हार गए। ऐसे काम से वोट नहीं मिलता। देश की जनता समझदार है।’’ रीजीजू ने कहा, ‘‘आज हम ये संशोधन लेकर नहीं आते तो इस संसद भवन पर भी दावा किया जा रहा था। अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार नहीं आती तो न जाने कितने भवन वक्फ को चले जाते।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक वक्फ संपत्ति भारत में है और इतनी अकूत जायदाद होने के बाद भी इतने सालों तक गरीब मुसलमानों के उत्थान के लिए, उनकी शिक्षा के लिए काम क्यों नहीं हुआ? रीजीजू ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीब मुसलमानों के हित में काम हो रहा है तो क्या आपत्ति है।
सही तरीके से देश में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन होता तो मुस्लिम समुदाय और देश दोनों की ही तकदीर बदल जाती।’’ उन्होंने कहा कि 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी।
"Why Waqf properties not used for education, medical treatment and income generation for poor Muslims: Kiren Rijiju
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रीजीजू ने कहा, ‘‘देश इसे कभी मंजूर नहीं कर सकता। वक्फ संपत्तियों को बेकार नहीं पड़े रहने नहीं दिया जा सकता। गरीब और आम मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल करना ही होगा।’’ उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति हैं। रीजीजू ने कहा कि इस विधेयक में यह महत्वपूर्ण प्रावधान रखा गया है कि महिलाओं और बच्चों के अधिकार सुरक्षित करके ही वक्फ बनाया जा सकता है।
वहीं आदिवासियों की जमीन को वक्फ संपत्ति नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि इस कानून की सबसे दमनकारी धारा किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के प्रावधान वाली थी जिसका इस्तेमाल कुछ लोग अपने फायदे के लिए करते थे, गरीबों के लिए नहीं। रीजीजू ने कहा कि कानून में ऐसी ही कुछ विसंगतियां थीं जिसके लिए यह विधेयक लाया जा रहा है।
रीजीजू के मुताबिक, विधेयक में वक्फ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है। रीजीजू ने कहा, ‘‘किसी भी तरीके से वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करता और उसमें हस्तक्षेप नहीं करता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और वक्फ बोर्ड कभी किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
विधेयक में किसी मस्जिद के प्रबंधन में हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘यह सामान्य तरीके से संपत्ति के प्रबंधन का मामला है। मुस्लिमों की जकात आदि धार्मिक भावनाओं से जुड़ी चीजों के बारे में पूछने वाले हम कौन होते हैं? अगर आपको यह बुनियादी अंतर नहीं समझ आता, या जानबूझकर नहीं समझना चाहते तो मेरे पास इसका कोई इलाज नहीं है।’’
रीजीजू ने केरल उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक इकाई है और इसके मुतवल्ली की जिम्मेदारी धर्मनिरपेक्ष किस्म की है, धार्मिक किस्म की नहीं। मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में कहा था कि मंदिर की संपत्ति का प्रबंधन पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष है, धार्मिक नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए बार-बार यह कहना कि मुसलमानों के हक में गैर-मुसलमान कैसे आ रहे हैं... यह तर्क ही नहीं बनता। यह बात बोलना बंद कीजिए।’’ उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के कुछ प्रस्तावित प्रावधान गिनाते हुए कहा कि वक्फ वही बना सकता है जिसने कम से कम पांच साल इस्लाम की ‘प्रैक्टिस’ की हो।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष और समावेशी बनाया जा रहा है जिसमें शिया, सुन्नी और बोहरा आदि सभी के प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें पिछड़े मुसलमान, महिलाएं, गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ भी रहेंगे। उन्होंने विपक्ष से विधेयक का समर्थन करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने विधेयक का समर्थन किया और किसने नहीं।
70 साल तक आपने (विपक्ष ने) मुसलमानों को वोट बैंक के लिए गुमराह किया और कब तक ऐसा करेंगे। रीजीजू ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद सबके मन में नए सवेरे की उम्मीद जागेगी और नए कानून का नाम भी ‘उम्मीद’ किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देशभर में कई मुस्लिम संगठन, ईसाई संगठन इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं।
रीजीजू ने कहा कि इस विधेयक में सरकार राज्यों के कोई अधिकार नहीं लेने वाली, बल्कि सारे अधिकार राज्यों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ की परिभाषा में बदलाव का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि मुसलमान अपनी वक्फ संपत्ति को बोर्ड के प्रावधान से संचालित करना चाहते हैं तो स्वागत है, और यदि ट्रस्ट के माध्यम से अलग से संचालित करना चाहते हैं तो उसकी छूट उन्हें है।
रीजीजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भी उन्होंने देश को गुमराह करने का प्रयास किया कि मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या सीएए लागू होने के बाद मुस्लिमों का अधिकार छिना है? आपने देश में असत्य फैलाया। क्या आप इसके लिए माफी मांगेंगे?
दोबारा जनता को गुमराह करेंगे तो फिर मुंह की खाएंगे।’’ रीजीजू ने विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति में हुए विचार-विमर्श का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के संसदीय इतिहास में सबसे ज्यादा व्यापक चर्चा और सलाह मशविरा इस विधेयक पर हुआ है।
इससे पहले कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने विधेयक पर गैर-सरकारी संशोधन पेश करने के लिए कम समय दिए जाने का दावा किया, जिसे खारिज करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने सरकारी और गैर-सरकारी संशोधनों के लिए बराबर समय दिया है।