Waqf Amendment Bill: पैसा देश के गरीब मुसलमानों का, धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं?, वक्फ पर अमित शाह बोले, देखें वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 2, 2025 23:12 IST2025-04-02T20:28:06+5:302025-04-02T23:12:20+5:30

Waqf Amendment Bill: लालू यादव ने ही उस समय कहा था कि सरकार जो ये संशोधन विधेयक पेश किया है, सरकार की पहल का हम स्वागत करते हैं, शाहनवाज हुसैन और माननीय सदस्यों ने जो अपनी बातों को यहां रखा है मैं उसका समर्थन करता हूं।

Waqf Amendment Bill live Amit Shah said on Waqf law money belongs poor Muslims country not theft by rich people watch video | Waqf Amendment Bill: पैसा देश के गरीब मुसलमानों का, धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं?, वक्फ पर अमित शाह बोले, देखें वीडियो

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Highlightsमुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा।सारी जमीनें हड़प ली गई हैं, चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी।पैसा देश के गरीब मुसलमानों का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है।

नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है... ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। वक्फ का कानून दान के लिए किसी द्वारा दी हुई संपत्ति, उसका एडमिनिस्ट्रेशन अच्छे से चल रहा है या नहीं, कानून के हिसाब से चल रहा है या नहीं... या तो दान जिस चीज के लिए दिया जा रहा है, इस्लाम धर्म के लिए दिया है, गरीबों के उद्धार के लिए दिया गया है।

उसके उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं हो रहा है ... इसका नियमन करने का काम है। जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं तो मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रिया-क्लाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है... उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है। मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा।

2001-12 के बीच दो लाख करोड़ की वक्फ की संपत्ति निजी संस्थानों को सौ साल की लीज पर हस्तांतरित कर दी गई। बेंगलुरु में उच्च न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ा और 602 एकड़ भूमि को जब्त करने से रोकना पड़ा। ये पैसा देश के गरीब मुसलमानों का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है।

लालू यादव ने ही उस समय कहा था कि सरकार जो ये संशोधन विधेयक पेश किया है, सरकार की पहल का हम स्वागत करते हैं, शाहनवाज हुसैन और माननीय सदस्यों ने जो अपनी बातों को यहां रखा है मैं उसका समर्थन करता हूं। लेकिन ये देखिए कि सारी जमीनें हड़प ली गई हैं, चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी।

विपक्ष को वोटबैंक चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का स्पष्ट सिद्धांत है कि हम वोटबैंक के लिए कोई कानून नहीं लाएंगे। कानून न्याय के लिए होता है, लोगों के कल्याण के लिए होता है।शाह ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह वक्फ पर प्रस्तावित कानून नहीं मानने की धमकी दे रहा, लेकिन यह संसद द्वारा पारित किया गया कानून होगा।

इसे सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए यह डर फैलाया जा रहा है कि वक्फ विधेयक मुसलमानों के धार्मिक मामलों और उनके द्वारा दान की गई संपत्तियों में दखल है। सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि इसके कानून का रूप लेने के बाद इसे पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा।

जबकि (विपक्ष द्वारा) मुस्लिम भाइयों को इस बहाने डराया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘(विपक्षी दल के) एक सदस्य ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय इसे स्वीकार नहीं करेगा। यह क्या धमकी है...यह संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा। यह भारत सरकार का कानून है, हरेक (नागरिक) के लिए बाध्यकारी है (और) इसे स्वीकार करना पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां बेच खाने वाले को इससे बाहर निकालने के लिए यह कानून लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य औने-पौने दाम पर सौ साल के लिए वक्फ की जमीन किराये पर देने वाले लोगों को पकड़ना है। शाह ने कहा, ‘‘यह पैसा जो चोरी होता है, उसे पकड़ने का काम वक्फ बोर्ड करेगा।’’

उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज्य में (वक्फ की जमीन के लिए) जो मिलीभगत चल रह रही है वह अब नहीं चलेगी। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि इसका (वक्फ की संपत्ति) हिसाब-किताब न करो, लेकिन इसका पैसा देश के गरीबों के लिए है न कि धन्ना सेठों के चोरी करने के लिए है।’’

शाह ने दावा किया कि विधेयक के कानून का रूप लेने के चार साल के अंदर मुस्लिम भाइयों को पता चल जाएगा कि यह कानून उनके फायदे में हैं। उन्होंने द्रमुक सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि विधेयक का विरोध कर वे दक्षिण (भारत) के सासंद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद सारे चर्च को नाराज कर रहे हैं।’’

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2026 में बंगाल (विधानसभा चुनाव) में हम जीतेंगे।’’ तृणमूल सदस्यों के शोरगुल करने पर शाह ने कहा, ‘‘यह राजनीतिक हिसाब-किताब करने का अखाड़ा नहीं है। बंगाल में आकर छाती ठोककर कहूंगा...।’’ उन्होंने कहा कि यह विधेयक जमीन को यह सुरक्षा प्रदान करेगी कि घोषणा मात्र से ही वह अब वक्फ की नहीं बन जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘(संशोधन विधेयक के जरिये) संपत्ति घोषित करने का वक्फ का अधिकार समाप्त कर दिया गया है, कलेक्टर (जिलाधिकारी) से सत्यापित कराना पड़ेगा और नये वक्फ को पंजीकृत कराना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने बोहरा, अहमदिया, पसमांदा, शिया आदि को भी इसमें समावेश किया है।’’

उन्होंने विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘वक्फ’ शब्द इस्लाम से आया है, इसकी उत्पत्ति ही इस्लाम के सिद्धांतों से हुई है। वक्फ (दान) वही कर सकता है जो इस्लाम से आया हो, आप विरोध कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि करीब एक करोड़ सुझाव देशभर से प्राप्त हुए, उसकी मीमांसा कर यह विधेयक तैयार किया गया।

शाह ने कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वक्फ अधिनियम में 2013 में जो संशाधन लाये गये थे, यदि यह नहीं किया गया होता तो इस संशोधन विधेयक को लाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक साल पहले 2013 में तुष्टीकरण के लिए रातों-रात कानून में बदलाव कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि लुटियंस दिल्ली की 123 संपत्ति चुनाव से ठीक 25 दिन पहले कांग्रेस सरकार ने वक्फ को दे दिया। शाह ने कहा कि वक्फ परिषद और बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल किया गया है। ये निकाय पूरी तरह से घोषित उद्देश्यों के अनुरूप संपत्तियों का प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाया, लेकिन अपने फायदे के लिए नहीं, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार चल रही है और जनता का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पर आरोप लगाये जा रहे हैं कि यह लोगों को डरा रही है।

जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस और इसके सहयोगी दल वोट बैंक के लिए लोगों को डरा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसी समुदाय के लोगों को डरने की जरूरत नहीं। दो साल में सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के कारण किसी की भी नागरिकता नहीं छीनी गयी है।’’

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