Waqf Amendment Act: देश में 8 अप्रैल से लागू हुआ वक्फ कानून, केंद्र ने गजट अधिसूचना जारी की, देखें विवरण
By रुस्तम राणा | Updated: April 8, 2025 23:43 IST2025-04-08T21:07:46+5:302025-04-08T23:43:47+5:30
भारत के राजपत्र में प्रकाशित आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, "वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 (2025 का 14) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 8 अप्रैल, 2025 को उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तारीख निर्धारित करती है।"

Waqf Amendment Act: देश में 8 अप्रैल से लागू हुआ वक्फ कानून, केंद्र ने गजट अधिसूचना जारी की, देखें विवरण
Waqf Amendment Act: केंद्र सरकार द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना के बाद मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 आधिकारिक रूप से लागू हो गया। संसद में पारित होने के दो दिन बाद रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अधिनियम को मंजूरी दे दी। भारत के राजपत्र में प्रकाशित आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, "वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 (2025 का 14) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 8 अप्रैल, 2025 को उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तारीख निर्धारित करती है।"
मूल वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों में संशोधन करने वाले इस कानून ने कई महत्वपूर्ण सुधार पेश किए हैं। इनमें ट्रस्टों को वक्फ संस्थाओं से अलग करना, संपत्ति प्रबंधन के लिए डिजिटल और तकनीकी उपकरणों की शुरुआत, बेहतर पारदर्शिता के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण, वक्फ संपत्ति को केवल मुस्लिमों को समर्पित करने की सीमा, समुदाय द्वारा ऐतिहासिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली 'वक्फ बाय यूजर' संपत्तियों की सुरक्षा, पारिवारिक वक्फ में महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना आदि शामिल हैं।
The Central Government appoints the 8th day of April 2025 as the date on which the provisions of the Waqf Act shall come into force pic.twitter.com/eNKcQt3zLq
— ANI (@ANI) April 8, 2025
विधेयक को शुक्रवार, 4 अप्रैल को सुबह-सुबह 17 घंटे की लंबी बहस के बाद राज्य सभा में पारित कर दिया गया। इस सप्ताह के शुरू में लोकसभा ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून के पारित होने को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और आधुनिकीकरण के भारत के प्रयासों में एक "महत्वपूर्ण क्षण" बताया।
सरकार के अनुसार, संशोधित अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना और वक्फ बोर्डों के कामकाज में सभी मुस्लिम समुदायों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। हालांकि, इस कानून का कई राजनीतिक दलों ने कड़ा विरोध किया है। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस कानून का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
अधिनियम के क्रियान्वयन के जवाब में, इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएँ (पीआईएल) दायर की गई हैं। कानूनी प्रतिरोध की आशंका को देखते हुए, केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय में एक कैविएट दायर की है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।