केरल के वालयार रेप और हत्या मामले में हाईकोर्ट ने सूबे की पिनराई विजयन सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। वालयार में 2017 में दो नाबालिग बहनों की कथित तौर पर रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पीड़ित परिवार अर्से से इस मामले न्याय की गुहार कर रहा है।
हाईकोर्ट ने बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी किया गया था।
वालयार मामले में केरल हाईकोर्ट नें बुधवार (13 नवंबर) को मृतक बहनों की मां की अर्जी स्वीकार कर ली और मामले बरी हुए आरोपियों को लेकर किया गया फैसला रोक दिया। अदालत ने आरोपियों और राज्य सरकार को अधिसूचना जारी की है।
बता दें कि वालयार मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया था। पीड़ित परिवार लगातार अपनी बच्चियों के लिए न्याय की गुहार कर रहा था। लोगों ने पीड़ित परिवार के समर्थन में कई प्रदर्शन किए।
पोक्सो अदालत ने जब आरोपियों को बरी कर दिया तो राज्य भर में आंदोलन देखे गए। महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए। दो मासूम बच्चियों के साथ रेप और हत्या मामले ने लोगों को झकझोर दिया और उनके विरोध का असर दिखाई दिया।
राज्य सरकार ने एक समिति बनाई। यह समिति बाल यौन शोषण अधिनियम (POCSO) के अंतर्गत आने वाले मामलों को देखती है।