नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के मंजूरी के बाद सरकार ने घोषणा कर दी है कि वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन ऐप पर पंजीकरण कराना होगा. लेकिन कोविन ऐप का अभी तक कोई अतापता नहीं है. मतलब गूगल प्लेस्टोर पर अभी तक इसे जारी ही नहीं किया गया है.
मौके का फायदा उठाकर मिलते-जुलते नामों वाले ऐप ने अपनी दुकान जमा ली है. ये ऐप इस हकीकत से अनजान लोगों का समय तो बर्बाद कर रहे हैं, साथ ही उनके निजी डेटा पर भी पकड़ हासिल कर रहे हैं. कोविन नाम से गूगल प्लेस्टोर पर आधा दर्जन से अधिक ऐप मौजूद हैं. जिन्हें अभी तक दस हजार से अधिक लोग इंस्टॉल कर चुके हैं.
कोरोना से बचाव की सामान्य सी जानकारियां प्रकाशित करने वाले ये ऐप इंस्टॉलेशन के समय ही फोन में मौजूद कॉन्टेक्ट्स, फोटो तथा गैलरी का एक्सेस हासिल कर लेते हैं. केंद्र सरकार के एप्पलीकेशन के धोखे में इसे इंस्टॉल करने वाले लोगों ने इनके बारे में काफी नकारात्मक टिप्पणियां की हैं. ज्यादातर लोगों ने इन्हें फर्जी ऐप करार दिया है.
उन्होंने लिखा है कि किस तरह वैक्सीन का पंजीकरण कराने वाला ऐप समझकर उन्होंने इसे डाउनलोड कर लिया. कुल 77 लोगों ने इस ऐप के बारे में टिप्पणियां की हैं. ऐप में तो कोरोना की जांच के लिए लैब्स, अस्पताल, दवा तथा रोजमर्रा के सामान वाली दुकानों की जानकारियां भी दी गई हैं.
इसके अलावा मौजूदा बीमारियों, बीपी, शुगर, कैंसर, फेंफड़ों के रोज तथा स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारियां भी मांगी गई हैं. इसके अतिरिक्त कोविन नाम के कई ऐप संगीत से संबंधित हैं. ड्राई रन में 75 लाख का पंजीकरण स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कोविन एप्प फिलहाल ऑफलाइन इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसके जरिए फिलहाल स्वास्थ्य कर्मियों की जानकारियां अपलोड की जा रही हैं. वैक्सीन के ड्राइरन के दौरान 75 लाख से अधिक पंजीकरण किए जा चुके हैं. जिनमें फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं.
ऐप के माध्यम से ऐसे लोगों को वरीयता दी जाएगी जिन्हें अन्य बीमारियों के कारण कोरोना से ज्यादा खतरा है. ऐसे काम करेगा ऐप अधिकृत ऐप के चार अलग-अलग मॉड्यूल होंगे. उपयोगकर्ता व्यवस्थापक, लाभार्थी पंजीकरण, टीकाकरण, रसीद तथा स्टेटस अपडेट. लाभार्थी पंजीकरण के लिए वैक्सीन के लिए लोगों का पंजीकरण किया जाएगा.
इसमें खुद अपना पंजीकरण तथा बल्क अपलोड के विकल्प हैं. लाभार्थी वेब आधारित मॉड्यूल के जरिए भी अपना पंजीकरण कर सकेंगे और बाद में मोबाइल ऐप पर भी इसे देखा जा सकेगा. फोटो पहचानपत्र के जरिए होगी पुष्टि वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराने के लिए फोटो पहचानपत्र की जरूरत होगी.
धांधली रोकने कि लिए इस फोटो पहचानपत्र के माध्यम से व्यक्ति की पहचान तथा उम्र की पुष्टि की जाएगी. सरकार की योजना वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों की विशिष्ट स्वास्थ पहचान रखने की है.