Wadhwan family case: एक्शन में सीबीआई और ईडी, महाबलेश्वर जाने के लिए इस्तेमाल की गयी पांच गाड़ियां जब्त
By भाषा | Published: April 10, 2020 06:54 PM2020-04-10T18:54:12+5:302020-04-10T18:54:12+5:30
ये खबरें आई थी कि गृह विभाग में प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने वधवान परिवार को मौजूदा लॉकडाउन के दौरान महाबलेश्वर जाने में कथित तौर पर मदद की है।
मुंबई/नई दिल्लीः सीबीआई ने महाराष्ट्र में सतारा जिला प्रशासन को डीएचएफएल के प्रवर्तकों-कपिल और धीरज वधावन को बिना उसकी अनुमति के कोरोना वायरस के पृथक वास से मुक्त नहीं करने को कहा है क्योंकि यस बैंक से धोखाधड़ी मामले में वे गैर जमानती वारंट का सामना कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया ने कहा कि ईडी ने डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वधावन द्वारा लॉकडाउन के दौरान महाबलेश्वर जाने के लिए इस्तेमाल की गयी पांच गाड़ियां जब्त की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (बंद) के दौरान डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वधावन द्वारा महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में फार्महाउस जाने के लिए इस्तेमाल की गयी पांच महंगी गाड़ियां शुक्रवार को जब्त करने के आदेश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत सतारा पुलिस अधीक्षक को एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। इसमें आदेश की तामील के लिए कहा गया है। नोटिस में कहा गया कि गाड़ियां वधावन भाइयों की हैं। वधावन भाइयों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 21 अन्य ने दो रेंज रोवर और तीन टोयोटा फोर्चूनर कारों से यात्रा की थी ।
उन्होंने बताया कि यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर और अन्य आरोपियों द्वारा धन की हेराफेरी के संबंध में सीबीआई की प्राथमिकी में दोनों भाइयों के नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कहा कि कपिल और धीरज सात मार्च को मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार थे जिसके कारण एजेंसी ने विशेष अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया।
एजेंसी को पंचगनी में सरकारी पृथक केंद्र में उनके ठिकाने के बारे में बृहस्पतिवार को सूचना मिली थी जिसके बाद सीबीआई ने सतारा के जिलाधिकारी को एक ई-मेल भेजकर सीबीआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना उन्हें मुक्त नहीं करने को कहा है।
वधावन भाइयों को यात्रा की अनुमति देने के कारण आईपीएस अधिकारी छुट्टी पर भेजे गए, जांच शुरू
महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन (बंद) के बावजूद डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल वधावन और धीरज वधावन को यात्रा करने की अनुमति देने के लिए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता को शुक्रवार को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया और उनके खिलाफ जांच शुरू की है। डीएचएफएल के प्रवर्तक वधावन भाइयों, उनके परिवार और करीबी दोस्त लॉकडाउन के बावजूद पुणे के पास खंडाला से सतारा जिले में महाबलेश्वर गए। मामला सामने आने के बाद राज्य में सियासी तापमान बढ़ गया है।
गृह विभाग में विशेष प्रधान सचिव गुप्ता ने वधावन भाइयों को यात्रा के लिए कथित तौर पर अनुमति पत्र दिया था । गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को उनके खिलाफ शुरू होने वाली जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है।’’ देशमुख ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक यह जांच करेंगे। कपिल और धीरज यस बैंक तथा डीएचएफएल धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं।
विपक्षी भाजपा ने वधावन परिवार के सदस्यों को यात्रा की अनुमति दिए जाने की निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘‘क्या महाराष्ट्र में अमीरों और धनवानों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है? कोई भी पुलिस की आधिकारिक अनुमति से महाबलेश्वर में छुट्टियां बिता सकता है।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद गृह विभाग में प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को अनिवार्य अवकाश पर भेजने की सरकार की कार्रवाई महज “दिखावा” है।
संबंधित घटनाक्रम में, सीबीआई ने महाराष्ट्र में सतारा जिला प्रशासन को डीएचएफएल के प्रवर्तकों-कपिल और धीरज वधावन को बिना उसकी अनुमति के कोरोना वायरस के पृथक वास से मुक्त नहीं करने को कहा है क्योंकि यस बैंक से धोखाधड़ी मामले में वे गैर जमानती वारंट का सामना कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वधावन द्वारा महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में फार्महाउस जाने के लिए इस्तेमाल की गयी पांच महंगी गाड़ियां शुक्रवार को जब्त करने के आदेश दिए।
कपिल और धीरज वधावन यस बैंक और डीएचएफएल धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 17 मार्च को पेश होने के लिए यस बैंक मामले में दोनों को समन जारी किए थे लेकिन दोनों महामारी का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए थे। बहरहाल, सतारा पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए वधावन भाइयों और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 188(लोक सेवक के कानूनी आदेश का उल्लंघन) और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत मामला दर्ज किया है ।