बंगाल में लॉकडाउन के बीच गरीब लोगों को भोजन मुहैया करा रहे हैं स्वयंसेवी और वाम संगठन
By भाषा | Updated: May 23, 2021 20:25 IST2021-05-23T20:25:12+5:302021-05-23T20:25:12+5:30

बंगाल में लॉकडाउन के बीच गरीब लोगों को भोजन मुहैया करा रहे हैं स्वयंसेवी और वाम संगठन
कोलकाता, 23 मई पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच कई स्वयंसेवी और वाम संगठन सामुदायिक रसोइयों के जरिए गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे इसके लिए स्वयंसेवी और वाम संगठनों ने शानदार पहल की है।
ऐसी ही एक सामुदायिक रसोई यादवपुर श्रमजीवी कैंटीन के नाम से पिछले करीब एक साल से चल रही है। इसका संचालन वाम संगठन एसएफआई और डीवाईएफआई की ओर से किया जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए नेताजीनगर, आजादगढ़, बाघाजतिन और 8बी बस स्टैंड के पास ऐसी ही सामुदायिक रसोइयां स्थापित की गयीं हैं।
यादवपुर विश्वविद्यालय में एसएफआई के एक नेता ने कहा, ‘‘हम पिछले करीब एक साल से ऐसी कैंटीन चला रहे थे जिसमें केवल 20 रुपये देकर चावल, सब्जी, अंडा अथवा मछली खा सकते हैं। लॉकडाउन के कारण कई लोग ऐसे हैं जिन्हें काफी परेशानी हो रही है और वे 20 रुपये भी नहीं दे सकते, ऐसे कुछ लोगों को हमने दोपहर में निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया है।’’
बंगाली संस्कृति और भाषा का प्रचार करने वाले सामाजिक संगठन जातीय बांग्ला सम्मेलन ने भी राजधानी कोलकाता के अलावा हुगली और नदिया जिले में ऐसी ही सामुदायिक रसोइयां स्थापित की हैं, जोकि गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही हैं।
बंगाली फिल्मों के अभिनेता ऋतोब्रत मुखर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता जॉयराज भट्टाचार्य, अभिनेता अनिर्बान भट्टाचार्य, नृत्यांगना सरबंती भट्टाचार्य के अलावा कई अन्य लोग भी आगे आकर इसमें अपना योगदान दे रहे हैं।
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