ज्ञान के साथ विवेक जरूरी, छात्र को बूंद-बूंद पानी बचाने की सीख दे सकते हैं गुरुः राष्ट्रपति कोविंद

By भाषा | Updated: September 5, 2019 13:31 IST2019-09-05T13:31:07+5:302019-09-05T13:31:07+5:30

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में एक शिक्षक के रूप में आचार्य चाणक्य, स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की सीख को भी उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि अपने पूर्ववर्ती के रूप में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण जैसे व्यक्तित्व से वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं।

Vivek with knowledge necessary, students can learn to save water drop by drop: Guru: President Kovind | ज्ञान के साथ विवेक जरूरी, छात्र को बूंद-बूंद पानी बचाने की सीख दे सकते हैं गुरुः राष्ट्रपति कोविंद

कोविंद ने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘विश्व आज सूचना युग से ज्ञान युग में प्रवेश कर रहा है।

Highlights‘‘ज्ञान एवं विवेक’’ से परिपूर्ण पीढ़ी का निर्माण शिक्षकों की मौलिक जिम्मेदारी : राष्ट्रपति कोविंद।कोविंद ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को संवारने, उनके भविष्य निर्माण में योगदान के लिये आज शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया है। 

शिक्षा प्रणाली में ज्ञान के साथ विवेक का महत्व रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्यवसायीकरण एवं जीवन मूल्यों में गिरावट के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिये शिक्षकों की मौलिक जिम्मेदारी ‘‘ज्ञान एवं विवेक’’ से परिपूर्ण पीढ़ी का निर्माण करना है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती ‘शिक्षक दिवस’ पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान करने के बाद कोविंद ने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘विश्व आज सूचना युग से ज्ञान युग में प्रवेश कर रहा है। लेकिन केवल ज्ञान के विकास से ही समाज की समग्र सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। ज्ञान के साथ विवेक जरूरी है। विवेक सम्मत ज्ञान से ही मानवीय समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ मानवीय करुणा का मेल तथा डिजिटल ज्ञान के साथ चरित्र निर्माण के बीच सामंजस्य जरूरी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि विवेकपूर्ण ज्ञान के आधार पर ही हम जलवायु परिवर्तन, प्रजातियों के लुप्त होने, प्राकृतिक जल स्रोतों की कमी होने, ग्लेशियर के पिघलने, प्रदूषित हवा जैसी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को बूंद बूंद पानी बचाने की सीख देकर शिक्षक भी जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं । कोविंद ने कहा, ‘‘ विवेक के बल पर ही समाज के हर क्षेत्र में व्यवसायीकरण, जीवन मूल्यों में गिरावट से उत्पन्न चुनौतियों का हम सभी सामना कर पायेंगे।’’

शिक्षकों की जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा ‘‘आप सभी अपनी मौलिक जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए ऐसी पीढ़ी का निर्माण करें जो ज्ञान एवं विवेक से परिपूर्ण हो। यही सच्चे अर्थों में शिक्षक दिवस की प्रामाणिकता होगी।’’

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में एक शिक्षक के रूप में आचार्य चाणक्य, स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की सीख को भी उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि अपने पूर्ववर्ती के रूप में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण जैसे व्यक्तित्व से वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। कोविंद ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को संवारने, उनके भविष्य निर्माण में योगदान के लिये आज शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया है। 

Web Title: Vivek with knowledge necessary, students can learn to save water drop by drop: Guru: President Kovind

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