पेजावर मठ के उदार संत थे विश्वेश तीर्थ स्वामी जो करते थे इफ्तार का आयोजन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
By भाषा | Updated: December 29, 2019 18:57 IST2019-12-29T18:57:43+5:302019-12-29T18:57:43+5:30
पेजावर मठ के विश्वेश तीर्थ स्वामीजी का रविवार को निधन हो गया। हिंदूवादी धार्मिक कार्यों जैसे गोरक्षा में उनकी गहरी आस्था थी और रामजन्मभूमि आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी।

पेजावर मठ के उदार संत थे विश्वेश तीर्थ स्वामी जो करते थे इफ्तार का आयोजन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
पेजावर मठ के विश्वेश तीर्थ स्वामीजी एक हिंदू संत थे जिन्होंने उन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगा दिया, लेकिन खुद को एक उदारवादी चेहरे के तौर पर पेश किया। स्वामीजी का रविवार को निधन हो गया। हिंदूवादी धार्मिक कार्यों जैसे गोरक्षा में उनकी गहरी आस्था थी और रामजन्मभूमि आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
उन्होंने उडुपी के श्रीकृष्ण मठ परिसर में हाल तक रमजान के दौरान मुस्लिमों के लिए इफ्तार का आयोजन भी किया। कुछ समय से बीमार चल रहे स्वामी जी का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
वह सामाजिक रूप से सक्रिय थे और अपने आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ साथ उसी भाव से दलितों की कॉलोनियों में जाकर उनसे मिलते थे। अपने समावेशी दृष्टिकोण के कारण आठ दशक के अपने जीवन में वह हजारों श्रद्धालुओं के प्रिय बने। वह विश्व हिंदू परिषद से करीब से जुड़े थे।
इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनका बेहद सम्मान करता था। भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने 1992 में उनसे संन्यास दीक्षा ली थी। स्वामीजी के बाद उनके कनिष्ठ विश्वप्रसन्न तीर्थ के उनका स्थान लेने की संभावना है।