नारायण राणे पर विश्व हिंदू सेना अध्यक्ष अरुण पाठक का विवादित बयान, सिर कलम करने पर 51 लाख का इनाम देने का ऐलान
By विनीत कुमार | Updated: August 26, 2021 18:03 IST2021-08-26T18:03:17+5:302021-08-26T18:03:17+5:30
विश्व हिंदू सेना अध्यक्ष अरूण पाठक तीन महीने से पहले ही फरार है। वाराणसी में उसके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित पोस्टर चिपकाने का आरोप है।

नारायण राणे पर अरुण पाठक का विवादित बयान
वाराणसी: विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर काटने के लिए 51 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। पाठक के बयान के बाद अब महाराष्ट्र में फिर राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर बीजेपी नेता राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर चिपकाने के मामले में विश्व हिंदू सेना अध्यक्ष हालांकि कथित तौर पर तीन महीने से पहले ही फरार चल रहा है।
तीन महीने पहले अरूण पाठक ने पूर्व कैंट, सिगरा, लंका, दुर्गाकुंड इलाके में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विवादित पोस्टर चिपकाए थे। इस मामले में वाराणसी के भेलूपुर, लंका सहित सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज है।
पाठक ने ट्विटर पर दावा किया कि नारायण राणे की अस्थियों को काशी में विसर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाठक ने कहा कि शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने राणे को शिवसैनिक बनाया था और अब सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए भाजपा नेता ने बालासाहेब के बेटे पर हमला किया है।
जिस पॉकेटमार को बालासाहेब शिवसैनिक बनाये उसे मुख्यमंत्री भी बनाये उसने घटिया काम किया सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए बाला साहेब के बेटे पर आक्रमण किया ऐसे आदमी का सर कलम करना चाहिए और ये जो करेगा उसे मैं51 लाख का इनाम दूंगा।#विहिसे। @MeNarayanRane@OfficeofUT@BJP4India@samnahttps://t.co/fXgIHg9Kpw
— Arun Pathak (@Arunpathak_In) August 24, 2021
इस बीच शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ 'थप्पड़' वाले विवादित बयान के लिए राणे के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराया है और दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र के गौरव और प्रतिष्ठा को कम करने का काम किया है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे लेख में लिखा गया, 'चूंकि राणे एक सामान्य व्यक्ति नहीं हैं, उन्होंने महाराष्ट्र के गौरव और प्रतिष्ठा को कमजोर करके आंका है। भाजपा को कम से कम अब समझना चाहिए। यहां तक कि महाराष्ट्र के दुश्मनों ने भी राणे की तरह राज्य को कमजोर करके नहीं देखा। कानून सभी के लिए समान है - चाहे वह सामान्य व्यक्ति हो या कोई और। कम से कम अब भाजपा को यह नहीं पूछना चाहिए कि क्या राज्य में कानून का शासन है।"
गौरतलब है कि 23 अगस्त को रायगढ़ में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे के मुख्यमंत्री ठाकरे को थप्पड़ मारने के बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।
राणे ने कहा था, 'यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का साल नहीं पता। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’
राणे को पुलिस ने मंगलवार को रत्नागिरी के संगमेश्वर स्थित उनके कैंप से गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में उन्हें उसी दिन रायगढ़ मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दे दी गई थी।