Vizag Gas Leak: विशाखापट्टनम गैस लीक हादसे में मासूम सहित 9 की मौत, घातक स्टीरिन गैस के चलते खाली कराने पड़े गांव
By निखिल वर्मा | Published: May 7, 2020 01:39 PM2020-05-07T13:39:41+5:302020-05-07T14:27:46+5:30
विशाखापट्टनम गैस लीक: गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टीरीन गैस के रिसाव के कारण कई गांवों को खाली कराना पड़ा है.
आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम के पास 7 मई के तड़के एक पॉलिमर संयंत्र से गैस के रिसाव से 9 लोगों की मौत हो गई है। इस जानलेवा गैस ने पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इस त्रासीद में सैकड़ों लोगों को सांस लेने में दिक्कत और दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विशाखापट्टनम के निकट गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टीरीन गैस का रिसाव हुआ है। मृतकों में आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है जबकि प्रभावित लोगों को निकालने के लिए गए कई पुलिसकर्मी भी इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, प्रभावित गांव से भागने के दौरान दो लोग एक बोरवेल में गिर पड़े जिससे उनकी मौत हो गई।
दिल दहला देने वाला मंजर
गैस रिसाव के बाद प्रभावित लोग ऑटो और दो पहिया गाड़ियों पर अपने इलाज के लिए दौड़े जबकि सरकारी कर्मियों ने जो भी संभव हुआ, वो प्राथमिक उपचार उन्हें देने की कोशिश की। लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोश पड़े हुए थे, जो स्थिति की गंभीरता को बयान करता है। वही सरकार का कहना है कि रिसाव को नियंत्रित करना पहली प्राथमिकता है।
प्लांट दोबारा चलाने के दौरान हुआ हादसा
गुरुवार तड़के स्टीरिन गैस का रिसाव तब हुआ जब संयंत्र के कुछ मजदूर इकाई को फिर से खोलने की तैयारी कर रहे थे। राज्य के औद्योगिक मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने बताया कि एलजी पॉलिमर्स इकाई को लॉकडाउन के बाद आज खुलना था। गैस रिसाव का नतीजा सैड़कों ग्रामीणों, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं, को भुगतना पड़ा। उन्हें आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने जैसी परेशानियां हुईं। 100 से ज्यादा लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित
विशाखापट्टनम जिले के संयुक्त कलेक्टर वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि आर आर वेंकेटपुरम गांव के सभी लोगों को वहां से निकाल के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। बचाव अभियान के लिए गए कई पुलिस कर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन जैसे लक्षण हुए और वे बेहोश हो गए। सूत्रों ने बताया कि संयंत्र के 20 कर्मी सुरक्षा प्रोटोकॉल से अच्छी तरह वाकिफ थे और उन्होंने उचित कदम उठाए थे जिस वजह से वे प्रभावित नहीं हुए। स्टीरिन गैस ने आसपास के गांवों में फैल गया और सोते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।