'हैदराबाद एनकाउंटर से अलग है विकास दुबे का मामला', SC ने यूपी सरकार पर उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Updated: July 20, 2020 14:01 IST2020-07-20T13:49:27+5:302020-07-20T14:01:02+5:30
Vikas Dubey Encounter Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) की सीबीआई, एनआईए या एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं पर आज सोमवार को सुनवाई हुई।

कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से इस एनकाउंटर की हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना को भी खारिज किया।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को कानपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) मामले की सुनवाई की। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए इसे सिस्टम की विफलता बताया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से इस एनकाउंटर की हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना को भी खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि 'हैदराबाद और विकास दुबे एनकाउंटर केस में एक बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे। ये (दुबे और सहयोगी) पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे।'
PILs seeking court-monitored probe in encounter of #VikasDubey &his aides: SC says, there's difference b/w those killed here, & in Hyderabad where rapists didn't have any arms but you (UP) as state govt are responsible to maintain rule of law. It requires arrests,trial&sentencing pic.twitter.com/P28Xi8Ably
— ANI (@ANI) July 20, 2020
विकास दुबे को जमानत दिए जाने को लेकर कोर्ट ने हैरानी जताई
कोर्ट ने विकास दुबे पर संगीन अपराधों में नाम दर्ज होने के बाद भी जमानत दिए जाने को लेकर हैरानी भी जताई। कोर्ट ने यूपी सरकार से रिकॉर्ड तलब किया और कहा कि विकास दुबे पर गंभीर अपराध के अनेक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी वह जेल से बाहर था। यह सिस्टम की विफलता है। इस दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार को भी नसीहत देते हुए कहा, 'एक राज्य तौर पर आपको कानून के शासन को बनाए रखना होगा। ऐसा करना आपका कर्तव्य है।'
साथ ही कोर्ट ने कहा कि टॉप कोर्ट के सिटिंग जज को जांच समिति में शामिल नहीं किया जा सकता। कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने जांच कमिटी के दोबारा गठन को लेकर सहमति जताई। सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि दो दिनों में नई कमिटी की अधिसूचना कोर्ट के सामने पेश की जाएगी। यूपी सरकार द्वारा न्यायिक जांच कमिटी पर ड्राफ्ट अधिसूचना जारी करने के बाद बुधवार को कोर्ट मामले की अगली सुनवाई करेगा।
पुलिस ने हलफनामे में कि थी हैदराबाद के रेप आरोपियों एनकाउंटर से तुलना
पुलिस ने कहा था कि विकास दुबे के एनकाउंटर की तुलना हैदराबाद के रेप आरोपियों के एनकाउंटर से नहीं किया जाना चाहिए। तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए ज्यूडिशल कमिशन का गठन नहीं किया था जबकि यूपी सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया है। पुलिस ने उज्जैन से कानपुर जा रही हादसाग्रस्त पुलिस की गाड़ी, विकास दुबे के शव और बिकरू गांव में मारे गए 8 पुलिसकर्मियों के शवों की तस्वीरें भी अपने हलफनामे के साथ कोर्ट के सामने पेश किया है।

