CJI को पद से हटाने के प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति नायडू ने विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की

By भाषा | Updated: April 22, 2018 23:53 IST2018-04-22T23:53:12+5:302018-04-22T23:53:12+5:30

सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने याचिका को स्वीकारने अथवा ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली। समझा जाता है कि नायडू जल्द ही विपक्षी दलों के इस नोटिस पर कोई फैसला करेंगे। 

Vice President Venkaiah Naidu started the consultation process On Move To Impeach Chief Justice | CJI को पद से हटाने के प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति नायडू ने विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की

CJI को पद से हटाने के प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति नायडू ने विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की

नई दिल्ली, 22 अप्रैल: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने संबंधी कांग्रेस तथा अन्य दलों की ओर से दिए गए नोटिस पर रविवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल सहित संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने याचिका को स्वीकारने अथवा ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली। समझा जाता है कि नायडू जल्द ही विपक्षी दलों के इस नोटिस पर कोई फैसला करेंगे। 

अधिकारियों के अनुसार नायडू ने मामले की गंभीरता के मद्देनज़र आज हैदराबाद के अपने कुछ कार्यक्रमों को रद्द कर कानूनविदों के साथ बैठक की। राज्यसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव मल्होत्रा और विधायी मामलों के पूर्व सचिव संजय सिंह से नायडू ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी विचार-विमर्श किया और उन्होंने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से भी बातचीत की। 

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था। नायडू अगर इस नोटिस को स्वीकार करते हैं तो प्रक्रिया के नियमों के अनुसार विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए उन्हें न्यायविदों की तीन सदस्यों की एक समिति का गठन करना होगा।

राज्यसभा के सभापति को नोटिस सौंपने के बाद विपक्षी दलों ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था। नोटिस की समीक्षा करते हुए राज्यसभा के अधिकारियों ने जिक्र किया कि सभापति द्वारा नोटिस को स्वीकार करने से पहले इसे सार्वजनिक करना संसदीय नियमों का उल्लंघन है। राज्यसभा सदस्यों के लिए प्रावधानों के मुताबिक सदन में रखे जाने वाले नोटिस को सभापति द्वारा स्वीकार करने से पहले इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।सीजेआई के खिलाफ प्रस्ताव लाने के कारण कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।

Web Title: Vice President Venkaiah Naidu started the consultation process On Move To Impeach Chief Justice

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