9 सितंबर को 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव, संसद में अभी 781 सांसद और जीतने वाले प्रत्याशी को चाहिए 391?, राधाकृष्णन के पास 422 और सुदर्शन के पास 313, देखिए आंकड़े
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 8, 2025 12:00 IST2025-09-08T11:56:24+5:302025-09-08T12:00:01+5:30
Vice-President Polls: गत 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा पहली ऐसी घटना है जब किसी उपराष्ट्रपति ने पद पर रहते हुए त्यागपत्र दे दिया और उच्च पद के लिए दावेदारी नहीं की।

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नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति पद के लिए नौ सितंबर को मतदान कराया जाएगा। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान में भाग लेंगे। जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद 21 जुलाई को यह पद रिक्त हो गया था। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को स्पष्ट बढ़त हासिल है। साथ ही उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं। संसद में 543 सदस्यीय लोकसभा में पश्चिम बंगाल में बशीरहाट संसदीय क्षेत्र की एक सीट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में 6 सीट रिक्त हैं। राज्यसभा में 6 रिक्त सीट में से चार जम्मू कश्मीर से, 1 सीट झारखंड और एक पंजाब से है। झारखंड में शिबू सोरेन निधन से सीट खाली है।
Vice-President Polls: सदनों की प्रभावी सदस्य संख्या 781 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता
पंजाब की सीट पिछले महीने हुए उपचुनाव में राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। दोनों सदनों की प्रभावी सदस्य संख्या 781 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें।
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग के उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। इस्तीफे के समय धनखड़ का कार्यकाल दो साल से अधिक बचा था।
Vice-President Polls: वीवी गिरि और आर वेंकटरमन ने इस्तीफा दिया था
इससे पहले वीवी गिरि और आर वेंकटरमन ने पद पर रहते हुए इस्तीफा दिया था लेकिन दोनों ने क्रमश: 1969 और 1987 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था। 17वें उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव नौ सितंबर को होगा। मतदान नौ सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के प्रथम तल पर स्थित कक्ष संख्या एफ-101, वसुधा में होगा।
सत्तारूढ़ राजग के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा। इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, जिनमें राधाकृष्णन तमिलनाडु से और रेड्डी तेलंगाना से हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव को विपक्ष ने एक वैचारिक लड़ाई बताया है, जबकि संख्या बल सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में है।
Vice-President Polls: क्या है योग्यता-
संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मध्यावधि चुनाव की स्थिति में पद पर चुने जाने वाले व्यक्ति को पूरे पांच साल का कार्यकाल मिलता है। उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसे व्यक्ति को ही निर्वाचित किया जा सकता है जो भारत का नागरिक हो, जो 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो।
भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण में किसी लाभ के पद पर आसीन व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्र नहीं होता। संविधान के अनुच्छेद 66 (1) के अनुसार उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और गुप्त मतदान के जरिए होगा।
Vice-President Polls: पी सी मोदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त
इस प्रणाली में मतदाता को उम्मीदवारों के नामों के सामने अपनी प्राथमिकताएं अंकित करनी होती हैं। उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद वह तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक कि उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर ले।
राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि कानून एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श करके और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति के बाद उसने 2025 के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पी सी मोदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है।
Vice-President Polls: संयुक्त सचिव गरिमा जैन और राज्यसभा सचिवालय के निदेशक विजय कुमार को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त
निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और राज्यसभा सचिवालय के निदेशक विजय कुमार को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। निर्वाचन आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करता है, जिसका कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी में होगा और वह एक या एक से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त कर सकता है।
प्रक्रिया के अनुसार, लोकसभा महासचिव या राज्यसभा महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान लोकसभा के महासचिव निर्वाचन अधिकारी थे। चुनाव प्राधिकरण ने संसद के दोनों सदनों के सांसदों वाले निर्वाचक मंडल का गठन शुरू कर दिया है। निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।
Vice-President Polls: पद रिक्त होने के ‘‘तुरंत बाद’’ कराया जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ के इस्तीफे की औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के अनुसार, उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, पद रिक्त होने के ‘‘तुरंत बाद’’ कराया जाएगा।
उपराष्ट्रपति पद के लिए नौ सितंबर को होने वाले चुनाव से पहले सोमवार को नयी दिल्ली में शिवसेना सांसदों की एक अहम बैठक होगी। शिवसेना के एक नेता ने यह जानकारी दी। शिवसेना प्रवक्ता और ठाणे से सांसद नरेश म्हास्के ने रविवार को बताया कि पार्टी के प्रमुख नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर शिवसेना संसदीय दल के नेता श्रीकांत शिंदे ने यह बैठक बुलाई है।
Vice-President Polls: महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया
इस साल जुलाई में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद चुनाव हो रहा है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने विपक्ष के उम्मीदवार और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी (सेवानिवृत्त) के खिलाफ महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है।
एकनाथ शिंदे पहले ही राजग उम्मीदवार को शिवसेना का समर्थन दे चुके हैं। म्हस्के ने कहा, ‘‘श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को रविवार रात तक दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया है। बैठक सोमवार के लिए तय की गई है, जहां डॉ. राधाकृष्णन के पक्ष में अधिकतम वोट सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा और रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।’’
Vice-President Polls: बी सुदर्शन रेड्डी ने रविवार को सांसदों से अपील की
म्हस्के ने कहा, ‘‘डॉ. श्रीकांत शिंदे को शिवसेना सांसदों की एकजुटता और समर्थन का मजबूत प्रदर्शन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने मतदान प्रक्रिया और जरूरी सावधानियों के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।’’ उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने रविवार को सांसदों से अपील की कि वे पार्टी निष्ठा को अपने चयन का आधार न बनने दें।
उन्हें इस पद के लिए जिताकर यह सुनिश्चित करें कि राज्यसभा लोकतंत्र के एक सच्चे मंदिर के रूप में स्थापित हो। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोट नहीं है - यह भारत की भावना के लिए वोट है। वीडियो संदेश में रेड्डी ने सांसदों से कहा कि वह उनका समर्थन अपने लिए नहीं, बल्कि उन ‘‘मूल्यों के लिए चाहते हैं जो हमें एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करते हैं।’’
Vice-President Polls: प्रिय राष्ट्र की अंतरात्मा और आत्मा की रक्षा
रेड्डी ने कहा, ‘‘इस चुनाव में कोई पार्टी व्हिप नहीं है और मतदान गुप्त है। किसी राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा नहीं, बल्कि देश के प्रति प्रेम ही आपके चुनाव का आधार होना चाहिए। आप सभी की नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हम अपने प्रिय राष्ट्र की अंतरात्मा और आत्मा की रक्षा करें।’’
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे यह पद सौंपकर आप संसदीय परंपराओं की रक्षा करने, बहस की गरिमा बहाल करने और यह सुनिश्चित करने का चुनाव करेंगे कि राज्यसभा लोकतंत्र के सच्चे मंदिर के रूप में बनी रहे।’’ रेड्डी ने कहा, ‘‘आइए, हम सब मिलकर अपने गणतंत्र को मजबूत बनाएं और एक ऐसी विरासत बनाएं, जिसे पाकर आने वाली पीढ़ियां गर्व महसूस करें।’’
Vice-President Polls: विनम्रता और जिम्मेदारी की गहरी भावना के साथ
सांसदों को भेजे अपने संदेश में रेड्डी ने कहा कि वह महान गणराज्य के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विनम्रता और जिम्मेदारी की गहरी भावना के साथ उनके सामने खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लोकतंत्र हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सर्वोच्च बलिदान पर निर्मित हुआ है और दशकों तक उनकी दूरदर्शिता से पोषित हुआ है।’’
रेड्डी ने कहा, ‘‘आज, जब लोकतांत्रिक स्थान सिकुड़ रहा है और नागरिकों के अधिकार दबाव में हैं, तो हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की आत्मा की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदवारी कोई व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा और उसे मजबूत करने का एक सामूहिक प्रयास है।
Vice-President Polls: एकता का सबसे मजबूत बंधन वह साझा स्नेह
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए रेड्डी ने कहा, ‘‘एकता का सबसे मजबूत बंधन वह साझा स्नेह है जो हम अपने देश के लिए रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बंधन ने मेरी यात्रा के हर चरण में मेरा मार्गदर्शन किया है और यह मुझे हमारे लोकतंत्र के निष्पक्ष संरक्षक के रूप में सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहा है।’’
रेड्डी ने कहा, ‘‘राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति को जिस संतुलन, बुद्धिमत्ता और निष्पक्षता का पालन करना चाहिए - इन सिद्धांतों का मैंने हमेशा पालन किया है और सभी दलों की आवाज़ों का सम्मान किया है। निर्वाचित होने पर, मैं राज्यसभा को तार्किक बहस और रचनात्मक संवाद का एक सच्चा मंच बनाने का प्रयास करूँगा।’’
Vice-President Polls: राष्ट्रीय हित में विचारशील विचार-विमर्श का सदन बनी
रेड्डी ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि राज्यसभा अनावश्यक कलह के बजाय राष्ट्रीय हित में विचारशील विचार-विमर्श का सदन बनी रहे। उन्होंने सांसदों से कहा, ‘‘यह साबित करना हमारा कर्तव्य है कि भारत में लोकतंत्र केवल प्रतीकात्मक संस्थाओं में ही नहीं, बल्कि उसकी आत्मा में भी बसता है।
उपराष्ट्रपति के रूप में, मैं कार्यवाही में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करके और प्रत्येक सदस्य की गरिमा की रक्षा करके हमारी संसदीय प्रणाली की पवित्रता को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूँगा।’’ रेड्डी ने सांसदों से इसी तरह की अपील करते हुए हिंदी में भी एक संदेश जारी किया।
Vice-President Polls: सोच-समझकर वोट करें
रेड्डी ने अपने हिंदी संदेश में कहा, ‘‘उपराष्ट्रपति चुनाव दो-तीन दिन में होने वाले हैं और मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि सोच-समझकर वोट करें, अपनी पार्टी के हित में नहीं, बल्कि देश के हित में। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जो भी फैसला लेंगे, वह मेरे या आपके हित में नहीं, बल्कि देश के हित में होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपका जो भी फैसला होगा, मैं उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हूँ। यह देश आपका है, मेरा है और हम सबका है। इस देश की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी मुझसे ज़्यादा आपकी है क्योंकि आप संसद के माननीय सदस्य हैं।’’ रेड्डी ने अंग्रेजी में वीडियो संदेश में कहा कि अब यह भारत के लोगों को तय करना है।