सड़क हादसे में बाल-बाल बचे प्रवीण तोगड़िया, हत्या की साजिश का लगाया आरोप
By IANS | Published: March 8, 2018 01:09 AM2018-03-08T01:09:54+5:302018-03-08T01:09:54+5:30
प्रवीण तोगड़िया की कार को कमरेज में एक तेज रफ्तार ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी और कुछ दूर तक घसीटता हुआ ले गया।
सूरत, 7 मार्च: सूरत में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया एक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गए। उन्होंने संदेह जताया कि यह उन्हें मारने की साजिश थी। तोगड़िया की कार को कमरेज में एक तेज रफ्तार ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी और कुछ दूर तक घसीटता हुआ ले गया। सूत्रों के अनुसार, बुलेट प्रूफ वाहन में सवार होने के कारण वह बच गए।
तोगड़िया ने बाद में संवाददाताओं को इसे अपनी हत्या की साजिश का संकेत देते हुए कहा, "आमतौर पर जब कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त होता है तो वह तत्काल ब्रेक लगाता है, लेकिन मेरी कार को टक्कर मारने के बाद ट्रक चालक ने उसे कुछ दूर तक घसीटा, और मेरी कार के डिवाइडर में फंसने के बाद ही ट्रक को रोका। उसने ब्रेक नहीं लगाया।"
जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त तोगड़िया आम तौर पर अपने वाहन के साथ एक पायलट कार और उनकी कार के साथ या पीछे चलने वाली एक अनुरक्षक कार के साथ चलते हैं। दुर्घटना के समय तोगड़िया की कार के साथ अनुरक्षक कार मगर नहीं थी।
तोगड़िया ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासनिक अनुशासन ने स्थानीय प्रशासन को अधूरे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मेरी कार के साथ मात्र एक पायलट कार उपलब्ध कराने के निर्देश थे, अन्य सहयोगी कार उपलब्ध कराने के नहीं। मेरा प्रश्न है कि अधूरे दिशा-निर्देश किसने जारी किए हैं और क्यों? ऐसा आजतक नहीं हुआ है।"उन्होंने कहा, "आज की घटना से यह भी सिद्ध हो गया है कि यह विश्वास गलत है कि जेड प्लस सुरक्षा वाले व्यक्ति को कोई खतरा नहीं है।"
लगभग दो महीने पहले विहिप प्रमुख ने अपनी जान को खतरा बताई थी।15 जनवरी की सुबह एक अनजान फोन कॉल आने के बाद तोगड़िया अहमदाबाद से गायब हो गए थे। फोन कॉल करने वाले ने उन्हें बताया था कि राजस्थान पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए शहर में पहुंच चुकी है। इसके बाद भी उन्होंने मुठभेड़ में अपनी हत्या की आशंका जताई थी।
बाद में वह शाम को कोटरपुर क्षेत्र में मिले थे। इसके बाद उन्हें अर्ध विक्षिप्तावस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, वे हाइपोग्लीसेमिया से पीड़ित थे।दुर्घटना के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का कोई बयान नहीं आया है।