अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए कुलदीप नैयर ने लिखा था आलेख, लेकिन अफसोस ये हो ना सका...

By भाषा | Updated: August 23, 2018 23:29 IST2018-08-23T23:29:15+5:302018-08-23T23:29:15+5:30

कुलदीप नैयर के बेटे राजीव नैयर ने कहा, ‘‘उनकी उम्र 90 साल से ज्यादा की हो चुकी थी, लेकिन अपने आखिरी दिन भी वह काम कर रहे थे।’’

Veteran journalist kuldeep nayar wrote a letter for tribute atal bihari vajpayee before death | अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए कुलदीप नैयर ने लिखा था आलेख, लेकिन अफसोस ये हो ना सका...

अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए कुलदीप नैयर ने लिखा था आलेख, लेकिन अफसोस ये हो ना सका...

नई दिल्ली, 23 अगस्त: जानेमाने पत्रकार कुलदीप नैयर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक आलेख लिखा था, लेकिन अफसोस कि वह आलेख प्रकाशित होने से पहले ही नैयर का निधन हो गया और अब उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।

कुलदीप नैयर के बेटे राजीव नैयर ने कहा, ‘‘उनकी उम्र 90 साल से ज्यादा की हो चुकी थी, लेकिन अपने आखिरी दिन भी वह काम कर रहे थे। उनके निधन से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन कम से कम उन्होंने शांतिपूर्वक अंतिम सांसें ली।’’

राजीव ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘वाजपेयी के निधन के बाद वह (कुलदीप नैयर) उन पर एक आलेख लिख रहे थे। उन्होंने आलेख पूरा लिख लिया था और इसे सभी सिंडीकेट वाले प्रकाशकों के पास भेजा जाना था। लेकिन अवश्यंभावी चीज हो गई। दुर्भाग्य है कि वह जिस आलेख को प्रकाशित कराने की योजना बना रहे थे, उसके प्रकाशित होने से पहले उनके लिए ही श्रद्धांजलियां लिखी जा रही हैं।

कुलदीप नैयर का जन्म पंजाब के सियालकोट में 14 अगस्त 1923 तो हुआ था। उनके पिता का नाम गुरबख्श सिंह और मां पूरन देवी थी। उन्होंने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से बीए (ऑनर्स) और लॉ कालेज से एलएलबी की पढ़ाई की। 1952 में उन्होंने नॉर्दवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की। करियर के शुरुआती दिनों में नैयर उर्दू पत्रकारिता करते थे। बाद में उन्होंने अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन का संपादन किया और आपातकाल के दौरान जेल भी गए। उन्होंने 80 से ज्यादा अखबारों के लिए 14 भाषाओं में लेख लिखे हैं। 23 अगस्त 2018 को दिल्ली में उनका निधन हो गया।

कुलदीप नैयर ने 'बिटवीन द लाइन्स', ‘डिस्टेण्ट नेवर : ए टेल ऑफ द सब कॉनण्टीनेण्ट', ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू', ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप', ‘इण्डिया हाउस', ‘स्कूप' ‘द डे लुक्स ओल्ड' जैसी कई किताबें लिखी थीं। सन् 1985 से उनके द्वारा लिखे गये सिण्डिकेट कॉलम विश्व के अस्सी से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।

Web Title: Veteran journalist kuldeep nayar wrote a letter for tribute atal bihari vajpayee before death

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