Sitaram Yechury: नहीं रहे सीताराम येचुरी, लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में निधन
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 12, 2024 17:18 IST2024-09-12T16:05:29+5:302024-09-12T17:18:59+5:30
Sitaram Yechury: सीपीआई (एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

Sitaram Yechury
Sitaram Yechury: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में निधन हो गया। पार्टी और अस्पताल के सूत्र ने जानकारी दी। येचुरी को तेज बुखार की शिकायत के बाद सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। माकपा के एक सूत्र ने बताया कि वह जांच के लिए गए थे और निमोनिया के कारण उन्हें भर्ती कराया गया था। माकपा नेता का हाल ही में मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ था। पिछले कुछ दिनों से डॉक्टरों की टीम निगरानी कर रही थी।
Veteran CPI(M) leader Sitaram Yechury dies at 72 after prolonged illness: Party and hospital sources
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2024
2015 में प्रकाश करात के बाद सीपीएम के महासचिव बने थे
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इनका जन्म 12 अगस्त 1952 को हुआ था। 12 सितंबर 2024 को दुनिया से अलविदा हो गए। एम्स, दिल्ली की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था और तीव्र श्वसन पथ संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। येचुरी 2015 में प्रकाश करात के बाद सीपीएम के महासचिव बने थे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी का बृहस्पतिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। अस्पताल और पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। येचुरी 72 वर्ष के थे। उनकी हालत पिछले कुछ दिन से गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था।
19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था
सूत्रों के अनुसार येचुरी का निधन अपराह्न तीन बजकर पांच मिनट पर हुआ। माकपा ने मंगलवार को एक बयान में बताया था कि येचुरी को यहां एम्स में कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया है। इसमें बताया गया कि उनका श्वसन नली संक्रमण का उपचार किया जा रहा है। येचुरी को सीने में निमोनिया की तरह के संक्रमण के उपचार के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
Sitaram Yechury ji was a friend.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2024
A protector of the Idea of India with a deep understanding of our country.
I will miss the long discussions we used to have. My sincere condolences to his family, friends, and followers in this hour of grief. pic.twitter.com/6GUuWdmHFj
येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी और मां कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के मूल निवासी हैं। उनके पिता आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। उनकी मां एक सरकारी अधिकारी थीं।
वाम दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया
येचुरी ने पार्टी के दिवंगत नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के अधीन काम सीखा था। वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार और 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार, दोनों सीपीआई (एम) के दौरान गठबंधन युग के शासन में प्रमुख भूमिका निभाई थी और बाहर से समर्थन दिया था। येचुरी ने अपने कौशल को तब और निखारा जब वाम दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले शासन पर दबाव डाला। उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर सरकार के साथ बातचीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके कारण करात के अड़ियल रुख के कारण वाम दलों को यूपीए-1 सरकार से समर्थन वापस लेना पड़ा था। येचुरी, जो 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए। कुछ महीने बाद आपातकाल के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था।
21वें अधिवेशन में माकपा के पांचवें महासचिव बने
राजनीति में उनका सफर ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) से शुरू हुआ था। वह 1984 में माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बने थे जबकि 1992 में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। वह 2005 से 2017 तक 12 वर्ष तक राज्यसभा सदस्य रहे। वह 19 अप्रैल 2015 को विशाखापत्तनम में पार्टी के 21वें अधिवेशन में माकपा के पांचवें महासचिव बने।
उन्होंने प्रकाश करात से उस समय पदभार संभाला था। उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के राजनीतिक मार्गदर्शकों से एक माना जाता था।