नायडू ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा को बताया ‘ऐतिहासिक'

By भाषा | Updated: December 12, 2019 18:42 IST2019-12-12T18:42:43+5:302019-12-12T18:42:43+5:30

उन्होंने कहा कि इस चर्चा में असम एवं पूर्वोत्तर के सदस्यों को भी पर्याप्त मौका दिया गया। इसमें पूर्वोत्तर के सदस्यों को उनके सुझाव देने, टिप्पणी और आलोचना करने का अवसर मिला।

Venkaiya Naidu calls discussion on Citizenship Amendment Bill in Rajya Sabha 'historic' | नायडू ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा को बताया ‘ऐतिहासिक'

नायडू ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा को बताया ‘ऐतिहासिक'

Highlightsराज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर आठ घंटे 52 मिनट विचार किया।उन्होंने कहा कि इस चर्चा में असम एवं पूर्वोत्तर के सदस्यों को भी पर्याप्त मौका दिया गया।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उच्च सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार देते हुए इसके लिए सदस्यों की सराहना की। उन्होंने गुरूवार को कहा, ‘‘राज्यसभा में कल हमने नागरिकता संशोधन विधेयक पर ऐतिहासिक तरीके से चर्चा की। सदन ने इस पर आठ घंटे 52 मिनट विचार किया।’’ उन्होंने कहा कि इस चर्चा में असम एवं पूर्वोत्तर के सदस्यों को भी पर्याप्त मौका दिया गया। इसमें पूर्वोत्तर के सदस्यों को उनके सुझाव देने, टिप्पणी और आलोचना करने का अवसर मिला।

नायडू ने कहा कि इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर व्यापक जवाब और विभिन्न सदस्यों द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरणों का उत्तर दिया। उन्होंने कांग्रेस के रिपुन बोरा का नाम लिये बिना कहा कि आज सुबह एक सदस्य ने इस मुद्दे को फिर उठाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘‘सदस्य मुझ पर दबाव नहीं डाल सकते।’’ उन्होंने कहा कि वह किसी भी दबाव में नहीं आ सकते। नायडू ने कहा कि यदि कोई मुद्दा है तो उसे जनता के बीच शांतिपूर्ण ढंग से ले जाया जाना चाहिए। अंतत: जनता को ही निर्णय करना है।

इससे पहले कांग्रेस के रिपुन बोरा ने असम से जुड़ा कोई मुद्दा दो बार उठाना चाहा। किंतु आसन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और उनकी बातों को सदन के रिकार्ड में नहीं लिखने का निर्देश दिया। विरोध जताते हुए बोरा दोनों बार सदन से बहिर्गमन कर गये। बीच में नायडू ने यह भी टिप्पणी की, ‘‘असम भारत का अभिन्न अंग है और इसे कोई अलग नहीं कर सकता।’’ उच्च सदन ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों के धार्मिक प्रताड़ना के कारण देश में आने पर उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान करने संबंधी नागरिकता संशोधन विधेयक को कल मंजूरी दी थी।

Web Title: Venkaiya Naidu calls discussion on Citizenship Amendment Bill in Rajya Sabha 'historic'

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