'नेताजी' को याद किया काशी ने, लोगों ने गंगा में दीपदान करके दी श्रद्धांजलि

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 10, 2022 14:22 IST2022-10-10T14:13:50+5:302022-10-10T14:22:21+5:30

वाराणसी शहर दक्षिणी से भाजपा के पूर्व विधायक श्याम देव राय चौधरी ने मुलायम सिंह को याद करते हुए कहा कि उनके निधन से काशी को बेहद गहरा आघात पहुंचा है। मुलायम जी का विशेष स्नेह काशी पर हमेशा बना रहा।

Varanasi remembered 'Netaji', the public paid tribute by donating a lamp in the Ganges | 'नेताजी' को याद किया काशी ने, लोगों ने गंगा में दीपदान करके दी श्रद्धांजलि

ट्विटर से साभार

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुलायम सिंह के निधन से बेहद शोक का महौल हैभाजपा के पूर्व विधायक श्याम देव राय चौधरी ने कहा मुलायम सिंह यादव का काशी पर विशेष स्नेह थासमाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गंगा में दीपदान करके मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि दी

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बेहद शोक का माहौल है। बनारस के सीर-गोवर्धन इलाके की गलियों में एक ही नार गूंज रहा है, 'जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है'।

मुलायम सिंह का याद करते हुए शहर दक्षिणी से भाजपा के पूर्व विधायक श्याम देव राय चौधरी ने कहा, "मुलायम सिंह का निधन काशी के लिए बहुत गहरा आघात है। मुलायम जी का विशेष स्नेह काशी पर हमेशा बना रहा। आज जहां पर नमो घाट बना है, वहीं पर कभी खिड़किया घाट हुआ करता था, वहां पर अक्सर नेताजी आते थे। उस समय हम विधायक हुआ करते थे, वो बहुत ही आत्मीयता से बात किया करते थे।"

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की उम्र में दिवंगत होने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह को याद करते हुए पूर्व सपाई और भाजपा नेता शतरूद्र प्रकाश ने कहा कि जब कल्याण सिंह यूपी के सीएम हुआ करते थे, उस समय नेताजी को देवरिया गोलीकांड में गिरफ्तार करके 8 अक्टूबर 1992 को वाराणसी जेल लाया गया तो पूरा बनारस कचहरी में जमा हो गया था। नेताजी 6 दिनों तक शिवपुर के सेंट्रल जेल में बंद रहे और अंत में जनता के भारी दबाव में नेताजी को रिहा करना पड़ा था।

इसके साथ ही शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि उस घटना के 20 दिनों के बाद नेताजी ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी का ऐलान कर दिया और देखते ही देखते नेताजी को अपार जनसमर्थन मिला और वो यूपी ही नहीं देश के यशस्वी नेता बने। उनके निधन पर काशी बेहद आहत है। मुलायम सिंह ने ही वाराणसी और मिर्जापुर जिलों को काटकर भदोही को जिले का दर्जा दिया ताकि कालीन उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके।

मुलायम सिंह ने निधन की खबर मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का भारी रेला 'नेताजी अमर रहें' का नारा लगाते हुए गंगा घाट पर पहुंता और वहां पर गंगा में दीपदान करके मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में घाट पर मुलायम सिंह के फोटो पर माल्यार्पण किया और उन्हें याद किया।

वहीं उत्तर प्रदेश शासन ने मुलायम सिंह के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। इसके अलावा बिहारी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

22 नवंबर 1939 को इटावा जिले में सैफई गांव में जन्मे मुलायम सिंह यादव 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वो 1996 से 1998 के बीच संयुक्त मोर्चा की सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे।

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