प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले, मैं काशी का जनप्रतिनिधि हूं और यहां आकर संतों का आशीर्वाद लेने का मौका मिला है
By भाषा | Published: February 16, 2020 02:01 PM2020-02-16T14:01:53+5:302020-02-16T14:02:15+5:30
अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी भी जीत हार नहीं रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम पर है और देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि प्रत्येक नागरिक के संस्कार से बनता है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा।
अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी भी जीत हार नहीं रहा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं बल्कि संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है। यह निवासियों के सामर्थ्य से बना है। ऐसे में भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम पर है।
देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि प्रत्येक नागरिक के संस्कार से बनता है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीरशैव परम्परा के सभी साथियों के साथ जुड़ना अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है। यह परम्परा वीर शब्द को आध्यात्म से जोड़ती है। जो विरोध की भावना से उपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकार से बाहर निकालने में वीरशैव का आग्रह और प्रखर नेतृत्व रहा है।
Varanasi: Prime Minister Narendra Modi offers prayers at the Jangamwadi Math. Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Aditynath and Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa also present. pic.twitter.com/U0tKjhnZ6E
— ANI UP (@ANINewsUP) February 16, 2020
उन्होंने श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को 21वीं सदी का रूप देने के लिये वह विशेष अभिनन्दन करते हैं। भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिये।
एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यह दर्शन युवाओं तक पहुंचकर उन्हें प्रेरणा देगा। उन्होंने सुझाव दिया कि आगे चलकर इस ऐप के माध्यम से ग्रंथ पर हर वर्ष क्विज प्रतियोगिता होनी चाहिए और प्रत्येक राज्य से शीर्ष तीन प्रतिभागियों को इनाम दिया जाना चाहिये। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण में लोगों के योगदान के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि हमें पानी की बचत और उसके पुनर्संचयन पर ध्यान देना होगा। घर हों, खेत हों या दूसरे स्थान हों हमें पानी बचाने पर ध्यान देना है।
देश में इतने बड़े अभियान को सिर्फ सरकार नहीं चला सकती। इनकी सफलता के लिये जनभागीदारी जरूरी है। भारत को जलयुक्त और सूखामुक्त करने में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे' की सफलता में भी जनभागीदारी की बड़ी भूमिका है। इसके तहत 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम हो चुका है। वहीं, 21 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम हो रहा है। मोदी ने स्वेदशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि देश में बना सामान, हमारे बुनकरों और हस्तशिल्पियों के बनाए सामान का इस्तेमाल करें।
सभी से आग्रह है कि आप स्थानीय स्तर पर बनी वस्तुएं खरीदें। हमारे देश में विश्वस्तरीय उत्पादन हो रहा है, हमें यह मानसिकता बदलनी होगी कि विदेशी में बनी वस्तुएं श्रेष्ठ गुणवत्ता की होती हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ऐसे फैसले हो रहे हैं, उन पुरानी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है, जिनकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। राम मंदिर विवाद दशकों से अदालतों में उलझा हुआ था, लेकिन अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह पूज्य संतों के आशीर्वाद से हुआ है। अयोध्या में सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ जमीन नवगठित ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी में प्रधानमंत्री का स्वागत इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की समयबद्ध योजना को आगे बढ़ाने और उस आस्था को सम्मान दिलवाने के बाद वह पहली बार पधारे हैं। कर्नाटक की इस पवित्र परम्परा में जिसमें शिवाचार्य की बहुत ही समृद्ध परम्परा है।
यह पांच पीठों के माध्यम से सनातन धर्म को मजबूत करने का काम कर रही है। इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यकमंत्री बी एस येदियुरप्पा और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री आज 30 से ज्यादा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।