वाराणसी फ्लाईओवर हादसे में पहली कार्रवाई, 7 इंजीनियर और 1 ठेकेदार गिरफ्तार
By पल्लवी कुमारी | Published: July 28, 2018 06:05 PM2018-07-28T18:05:35+5:302018-07-28T18:05:35+5:30
पुलिस के मुताबिक फ्लाईओवर गिरने के मामले में उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों के खिलाफ 16 मई को एक एफआईआर दायर किए गए थे।
वाराणसी, 28 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के दो बीम गिरने से मई 2018 में तकरीबन 20 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में 28 जुलाई को आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए आठ में सात लोग इंजीनियर है और एक ठेकेदार है। गिरफ्तारी के बारे में यूपी पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर के विस्तार से जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक फ्लाईओवर गिरने के मामले में उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों के खिलाफ 16 मई को एक एफआईआर दायर किया गया था और उनके ऊपर आईपीसी की धारा 304, 308 और 427 के तहत ममाला दर्ज किया गया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने घटना के बाद ही जाँच के लिए जाँच समिति की गठन किया था। जिसके बाद फ्लाईओवर सेतु निगम के चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं उस वक्त ऐसी खबर आई थी कि मई में हादसे के पहले फरवरी में एक एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जिसमें कंट्रक्शन कंपनी पर फ्लाईओवर बनाने में लापरवाही का आरोप लगाया गया था। लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस एफआईआर के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इसका निरीक्षण करने पहुंचे थे। डिप्टी सीएम ने यहां पर काम की धीमी गति को देखते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश भी दिया था।
घटना मंगलवार (15 मई) के शाम करीब छह बजे की थी। जब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाईओवर के दो बीम गिर गए। उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से करवाया था। फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था।
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