कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार : मोदी

By भाषा | Updated: April 19, 2021 23:43 IST2021-04-19T23:43:21+5:302021-04-19T23:43:21+5:30

Vaccination is the biggest weapon in the fight against Kovid-19: Modi | कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार : मोदी

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार : मोदी

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ाई में टीकाकरण को ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ बताते हुए सोमवार को देशभर के चिकित्सकों से अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों से कोविड के उपचार और रोकथाम को लेकर उड़ रही अफवाहों के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने की भी अपील की।

देश में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने देश के अग्रणी चिकित्सकों और दवा निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अलग-अलग बैठकें कीं और महामारी की मौजूदा स्थिति के साथ ही टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की।

उन्होंने महामारी के समय चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के सेवा भाव को ‘‘अमूल्य’’ बताते हुए उनकी सराहना की और कोविड प्रबंधन का अनुभव रखने वाले शहरों के चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे सहयोग, प्रशिक्षण, ऑनलाइन परामर्श द्वारा उन क्षेत्रों में पहुंचें, जहां पर्याप्‍त सेवाएं नहीं हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल इसी समय चिकित्सकों के कठिन परिश्रम और देश की रणनीति की वजह से कोरोना संक्रमण की लहर को नियंत्रित किया जा सका था।

उन्होंने कहा, ‘‘अब जबकि देश दूसरी लहर का सामना कर रहा है तो सभी चिकित्सक और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी महामारी से पूरी ताकत के साथ मुकाबला कर रहे हैं और लाखों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं और इनके बारे में राज्य सरकारों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण को उन्होंने ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ बताया और इसके उपचार और इससे बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और अफवाहों से बचाने का भी अनुरोध किया।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने चिकित्सकों से आग्रह किया, ‘‘कोविड के उपचार और रोकथाम को लेकर उड़ रही अफवाहों के खिलाफ चिकित्सक लोगों को शिक्षित करें। इस कठिन समय में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग दहशत का शिकार न बनें। इसके लिए उचित इलाज के साथ-साथ अस्पतालों में भर्ती मरीजों की काउंसलिंग पर भी जोर दिया जाना चाहिए।’’

उन्‍होंने आपात स्थिति नहीं होने की स्थिति में डॉक्टरों को अन्य बीमारियों के इलाज के लिए टेली-मेडिसिन का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। इसके मद्देनजर उन्होंने ऐसे शहरों में संसाधनों के उन्नयन के प्रयासों को तेज करने को कहा।

उन्होंने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे इन शहरों में काम करने वाले अपने सहयोगियों के साथ जुड़कर उन्‍हें ऑनलाइन परामर्श दें ताकि सभी प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह किया कि ऐसे शहरों में कार्यरत चिकित्सकों से वह संपर्क करें और डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए उन्हें महामारी से लड़ने के उपायों के बारे में सलाह दें।

बैठक के दौरान चिकित्सकों ने कोविड महामारी से निपटने के अपने अनुभव साझा किए और यह भी बताया कि कैसे वह स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में वृद्धि कर रहे हैं।

दवा निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद में प्रधानमंत्री ने विपरीत परस्थितियों में उनके द्वारा किए गए कामों की सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों के चलते ही भारत की आज ‘‘दुनिया के फार्मेसी’’ के रूप में पहचान हो रही है।

उन्होंने कहा कि 150 से अधिक देशों को इस संक्रमण काल में आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति की गई।

उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद देश के दवा उद्योग ने 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि दवा उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने सरकार की सक्रियता और सहायता की सराहना की और मांग के अनुरूप दवाइयों का उत्पादन सुनिश्चित करने के प्रयासों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

इन बैठकों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, रसायन व उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा और राज्‍य मंत्री मनसुख मांडविया, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, केंद्रीय औषधि सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक और अन्य मंत्रालयों व विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

चिकित्सकों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया, मेदांता अस्पताल समूह के अध्यक्ष नरेश त्रेहन, प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ के के तलवार सहित कई अन्य जाने-माने चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।

ये बैठकें ऐसे समय में हुई हैं जब भारत में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आए और देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन तथा दवाइयों की कमी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को देश में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले डेढ़ करोड़ के पार पहुंच गए।

इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी 19 लाख से अधिक हो गई है।

देश में कोविड-19 के कुल 1,50,61,919 मामले हैं तथा एक दिन के भीतर 1,619 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,78,769 हो गई।

संक्रमण के मामलों में लगातार 40वें दिन वृद्धि हुई है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Vaccination is the biggest weapon in the fight against Kovid-19: Modi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे